इंदौर शहर-ग्रामीण अध्यक्ष का फैसला होल्ड होने की संभावना

इंदौर। इंदौर बीजेपी और नगर अध्यक्ष की कुर्सी पर पेंच फंस गया है। जिससे दोनों ही अध्यक्षों की नियुक्ति होल्ड होने की संभावना है। दरअसल, ग्रामीण क्षेत्र की भाजपा में अध्यक्ष की कुर्सी को लेकर घमासान है। वर्तमान अध्यक्ष चिंटू वर्मा को रोकने के लिए तीन विधायकों ने जोर आजमाइश शुरू कर दी है।

ऐसे में जिलाध्यक्ष की कुर्सी का फैसला अब दिल्ली से ही होना है और दिल्ली में भी विधायकों ने अपने-अपने स्तर पर उन्हें रोकने की तैयारी की है। सूत्रों के अनुसार चिंटू को रोकने के लिए अब दिल्ली में भी लाबिंग की जा रही है। ग्रामीण अध्यक्ष में पेंच फंसने से इंदौर शहर को लेकर भी घमासान शुरू हो गया है।

बीजेपी इंदौर ग्रामीण जिलाध्यक्ष चिंटू वर्मा को लेकर कहा जा रहा था कि उनके कार्यकाल को अभी 1 साल भी नहीं हुआ है इसलिए उनको पार्टी रिपीट करेगी। लेकिन, रायशुमारी में सांवेर के विधायक और कैबिनेट मंत्री तुलसी सिलावट के साथ ही पूरी विधानसभा के नेताओं ने वर्मा के नाम की जगह सिलावट के समर्थक अंतर दयाल का नाम देकर पेंच फंसा दिया। बताया जा रहा है कि यह पेंच फंसने के बाद देपालपुर विधायक मनोज पटेल और महू विधायक उषा ठाकुर ने भी वर्मा के खिलाफ नाम दे दिए हैं।

पहले तो मंत्री सिलावट और सांवरे के नेता तय दिन पर रायशुमारी में शामिल नहीं हुए, उसके बाद रायशुमारी की तारीख बदली गई तो पूरी विधानसभा की तरफ से अंतर दयाल का नाम आगे बढ़ा दिया गया। राजनीतिक जानकारों की मानें इसे सीधे तौर पर मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के खिलाफ देखा जा रहा है क्योंकि चिंटू वर्मा कैलाश विजयवर्गीय के खास समर्थक हैं।

इंदौर का हर नेता यह जानता है कि चिंटू वर्मा का काम मंत्री विजयवर्गीय के बिना नहीं होता है। ऐसे में मंत्री सिलावट का रायशुमारी में शामिल नहीं होना और उसके बाद किसी अन्य नेता का नाम देना दोनों ही मंत्रियों आमने-सामने होने जैसा है। बता दें कि अंतर दयाल सिलावट के साथ सोनकच्छ के विधायक राजेश सोनकर के भी खास है।

दिल्ली तक हो रही ग्रामीण को लेकर लॉबिंग

ग्रामीण से वर्तमान में चिंटू वर्मा अध्यक्ष हैं और अभी उनका एक कार्यकाल भी पूरा नहीं हुआ है। राजेश सोनकर के सोनकच्छ विधायक बनने के बाद इस पद पर कार्यवाहक अध्यक्ष के रूप में घनश्याम नारोलिया की नियुक्ति की गई थी, लेकिन उन्हें हटाकर स्थायी रूप से चिंटू वर्मा को अध्यक्ष बना दिया गया।

देपालपुर विधानसभा सीट पर भी वे अपना दावा जता रहे हैं। इसी को लेकर उन्हें रोकने के लिए विधायक मनोज पटेल ने उषा ठाकुर और मंत्री तुलसी सिलावट से हाथ मिलाकर किसी दूसरे नाम की पैरवी की है। सूत्रों के अनुसार चिंटू को रोकने के लिए अब दिल्ली में भी लाबिंग की जा रही है।

Author: Dainik Awantika