परिचित ने की ठगी, सौदे के बाद न जमीन हाथ लगी न पैसे

 

दूसरे की जमीन दिखाकर वसूल लिए लाखों रुपए, न्यायालय के निर्देश पर अब होगी कार्रवाई

 

इंदौर। समाजजन और दलाल ने विश्वास में रखकर जमीन के लिए लाखों रुपए ले लिए जो जमीन बताई वह भी किसी तीसरे की निकली। परिवार के ना तो जमीन हाथ लगी और ना ही दी हुई रकम वापस मिली।
मामले में पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की तो न्यायालय का दरवाजा खटकाया। अब न्यायालय के निर्देश पर पुलिस कार्रवाई करेगी।
मामला इस तरह है कि बाणगंगा थाना क्षेत्र के प्रॉपर्टी एजेंट भाजपा नेता दिनेश चौहान के माध्यम से ग्यारसी भाई नामक महिला के आम मुख्तारनामा के आधार पर प्रेमनाथ कश्यप के माध्यम से राम सुमिरन कश्यप ने वर्ष 2011 में ग्राम छोटा बांगड़दा के सर्वे नंबर 245/7 की कुल रकबा 0.72 हेक्टर जमीन खरीदने का सौदा करते हुए 65 लख रुपए दे दिए। ओके भूमि के विक्रय के लिए प्रेमनाथ कश्यप नितिन कश्यप ममता कश्यप और दिनेश चौहान ने जो जमीन बात कर राशि दी थी वह राशि ग्यारसी बाई के नाम न होकर किसी अन्य के नाम राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज पाई गई। और ना ही जमीन मौके पर उपलब्ध थी।
स्वर्गीय राम सुमरन कश्यप की पत्नी लक्ष्मी कश्यप के अनुसार जब उनके पति ने जमीन की रजिस्ट्री करने के लिए दबाव बनाया तो वह टालते रहे। स्टांप ड्यूटी कम बात कर की गई गड़बड़ी के कारण रजिस्ट्री नहीं होने के बाद भी सामने आई है।
उन्होंने मामले को लेकर थाना बाढ़ गंगा में शिकायत की किंतु कोई कार्रवाई नहीं हुई। विक्रय अनुबंध लेख के अनुसार ग्यारसी भाई ने प्रेम नाथ को 30 जून 2011 में अपनी भूमि का आम मुखिया नियुक्त किया था जिसके आधार पर उसने 18 जुलाई को उक्त भूमि का विक्रय इकरारनामा किया और राशि प्राप्त की।
पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं करने पर लक्ष्मी कश्यप और उनके परिजनों ने न्यायालय में परिवार दायर किया जहां सुनवाई के बाद वरिष्ठ न्यायाधीश ने अपने निर्णय में स्पष्ट किया है कि ग्यारसी बाई की मृत्यु वर्ष 2022 में हो गई है।
आम मुख्तयार प्रेमनाथ उनका पुत्र है तथा प्रॉपर्टी एजेंट दिनेश भी
इसमें गवाह के रूप में शामिल रहा है उसी ने मिली भगत कर यह धोखाधड़ी की है।
प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट निधि श्रीवास्तव अपने निर्णय में निर्देश दिया है कि पुलिस उक्त मामले में प्रेमनाथ पिता मन्नीलाल कश्यप निवासी बाणगंगा, नितिन उर्फ टिनू कश्यप और दिनेश चौहान के विरुद्ध पुलिस धारा 406 420 467 468 471 120 भी 506 भाग 2 भारतीय दंड संहिता 1860 के अंतर्गत प्रकरण पंजीकृत कर 23 जनवरी को न्यायालय में उपस्थित रहने का नोटिस जारी करें।

Author: Dainik Awantika