दैनिक अवंतिका उज्जैन। महाकाल मंदिर में वीआईपी दर्शन से लेकर भस्मारती की परमिशन कराने के नाम पर पकड़ाए कर्मचारी मौका आने पर 10 हजार रुपए तक वसूल लेते थे। बड़े लोग और पेसे वाले उन्हें यह राशि मिनटों में दे देते थे। मंदिर समिति के कर्मचारियों से पुलिस व प्रशासन के अफसरों द्वारा अब तक की गई पूछताछ और जांच में कई तरह के खुलासे हो रहे हैं। इसमें यह बात सब को आश्चर्य में डाल देने वाली है कि इन कर्मचारियों की इतनी हिम्मत थी कि जो परमिशन मंदिर समिति प्रति श्रद्धालु से 200 रुपए लेकर जारी करती है उसके ये लोग 10 हजार तक वसूल रहे थे। इस पूरे रैकेट ने मंदिर में प्रवेश करने से लेकर नंदी हॉल और गर्भगृह की देहरी तक ले जाने और दर्शन कराने के पैसे तय कर रखे थे। प्रतिदिन मंदिर समिति को चूना लगाकर हजारों लाखों रुपए की कमाई इसी से की जा रही थी। इसमें मंदिर के कर्मचारी, सुरक्षा गार्ड व दो बाहरी पत्रकार के नाम शामिल है। हालांकि ये पत्रकार नहीं है। बल्कि यूट्यूबर है जो सोशल मीडिया पर खबरें डालकर लोगों को डराकर अपने आप को पत्रकार साबित कर इस काम को अंजाम देते थे। पिछले 10 दिनों से इस पूरे मामले की अलग-अलग स्तरों पर जांच चल रही है। मंदिर के प्रोटोकॉल की आड़ में इन कर्मचारियों ने कमाए करोड़ रुपए महाकाल मंदिर में देश-दुनिया से श्रद्धालु प्रतिदिन हजारों की संख्या में दर्शन के लिए आते हैं। इनमें कई तरह के वीआईपी और वीवीआईपी भी होते हैं। इनके लिए शासन-प्रशासन ने प्रोटोकॉल दर्शन की व्यवस्था कर रखी है। इन कर्मचारियों से इसी प्रोटोकॉल का फायदा उठाकर लोगों को भारी भीड़ से बचाकर मिनटों में नंदीहॉल तक से वीआईपी दर्शन कराने को और भस्मारती में अनुमति कराने के हजारों रुपए वसूल लेते थे। इन दोनों कामों से ही कर्मचारियों ने महज कुछ सालों में ही करोड़ों रुपए कमा लिए। मकान, जमीन और कारें खरीद ली। भार्गव, राजकुमार के पास कोटे बढ़ाने का पॉवर था तुरंत बना देते थे परमिशन 1 अभिषेक भार्गव प्रोटोकॉल देखने वाले कर्मचारी अभिषेक भार्गव यूं तो समिति का कर्मचारी है। लेकिन कई सालों से जिला प्रशासन में पदस्थ होकर मंदिर की ओर से वहां का प्रोटोकॉल संभाल रहा था। उसके पास प्रशासन, नेता और प्रोटोकॉल से आने वाले अन्य लोगों के लिए भस्म आरती की परमिशन देने का पावर था। उसके पास कोटे को बढ़ाने और घटाने का पावर भी था। ये लोग कोटा घटाते तो नहीं बढ़ाकर परमिशन बेचते थे। 2 राजकुमार सिंह मंदिर का आईटी प्रभारी राजकुमार सिंह ऑनलाइन बुकिंग प्रोसेस का मास्टर माइंड था। ऑनलाइन बुकिंग को बढ़ाना-घटाना इसके हाथ में था। ये दोनों श्रद्धालुओं से 10 हजार रुपए तक लेकर तत्काल अनुमति बनवा देते थे। 3 – राजेंद्र सिसौदिया राजेंद्र सिंह सिसोदिया भी प्रोटोकॉल दर्शन व्यवस्था प्रभारी था जो श्रद्धालुओं से बात कर पैसे तय कर अनुमति कराता था। इन चारों के सहयोगी थे निजी सुरक्षा एजेंसी क्रिस्टल के सुरक्षा गार्ड ओम प्रकाश माली और जितेंद्र सिंह पंवार ये सब पुलिस गिरफ्त आने के बाद जेल में है। 4 – रितेश शर्मा भस्म आरती प्रभारी रितेश शर्मा अनुमति के बाद किसे कहां बैठाना, कहां से अंदर बाहर ले जाना, नंदी हॉल में पहुंचाना आदि देखता था। 5 – उमेश पंड़या उमेश पंड्या भी महाकाल मंदिर समिति का कर्मचारी है। और भस्मारती में प्रभारी के रूप में ड्यूटी करता था। पंड्या के एक इशारे में पर अन्य कर्मचारी श्रद्धालुओं को आरती में आगे पीछे बैठाते थे। 0000उज्जैन। चर्चित टीवी सीरियल तारक मेहता का उल्टा चश्मा में मुख्य किरदार निभाने वाले अभिनेता एवं कवि शैलेष लोढ़ा शनिवार की दोपहर में भगवान महाका दर्शन करने पहुंचे। लोढ़ा ने भगवान महाकाल के गर्भगृह के बाहर से खड़े होकर दर्शन कर आशीर्वाद लिया। इसके बाद नंदीहॉल में जाकर नंदी जी के कान में अपनी मनोकामना कही। मीडिया से चर्चा में उन्होंने कहा कि दो वर्ष के बाद वे महाकाल के दरबार में आए है। मंदिर में पहले से काफी सुंदर बन गया है। यह देखकर उन्हें प्रसन्नता हो रही है।
उज्जैन। फिल्म अभिनेत्री मदिराक्षी मुंडले ने शनिवार को महाकाल की भस्मारती की। वे अल सुबह यहां पहुंची थी। मुंडले पारंपरिक रूप से मंदिर में साड़ी पहनकर आई। दर्शन कर उन्होंने मंदिर समिति द्वारा की गई व्यवस्थाओं की प्रशंसा भी की। मुंडले का पूजन पुजारी प्रशांत शर्मा एवं पुजारी माधव शर्मा ने संपन्न करवाया।