उज्जैन। रतलाम जिले के नामली तहसील कार्यालय में रिश्वत लेने वाले बाबु के मामले में नायब तहसीलदार को भी तलब किया गया है। लोकायुक्त ने नामली नायब तहसीलदार मनोज चौहान को नोटिस देकर उज्जैन बुलाया है। रिश्वत मामले में नायब तहसीलदार की भूमिका भी संदेह के घेरे में है। इस कारण लोकायुक्त ने नोटिस जारी किया है। नायब तहसीलदार से 07 जनवरी को उज्जैन लोकायुक्त कार्यालय में पूछताछ के लिए तलब किया गया है।उज्जैन लोकायुक्त ने रतलाम के नामली तहसील कार्यालय में लिपिक प्रकाश पलासिया को 15 हजार रुपए की रिश्वत लेते गुरुवार को गिरफ्तार किया था। पंचेड़ निवासी गणपत पिता दयाराम हाडा की शिकायत पर लोकायुक्त ने यह कार्रवाई की थी। लिपिक ने फरियादी से उसके पक्ष में फैसला देने के लिए 40 हजार रुपए रिश्वत मांगी थी। लिपिक ने पूर्व में 5 हजार रुपए फरियादी से लिए और शेष 35 हजार तीन-चार दिन में देने को कहा था। गणपत ने मामले की शिकायत लोकायुक्त उज्जैन को की थी। योजनानुसार गुरुवार को किसान को 15 हजार रुपए देकर लिपिक के पास भेजा गया था। फरियादी से अपनी टेबल की दराज में लिपिक ने रुपए रखवाए थे रुपए रखते ही लोकायुक्त टीम को इशारा मिला और क्लर्क को पकड लिया गया था। शिकायत में बताया गया था कि ग्राम पंचेड़ में स्थित कृषि भूमि फरियादी के पिता की मृत्यु के बाद स्वयं व उसके भाई, बहन व मां के नाम पर नामांतरण कर राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज की गई थी। कुछ समय बाद परिवार वालों ने उक्त भूमि उसे धोखे में रख जितेंद्र जाट को बेच दी। जिसके नामांतरण पर नामली तहसील ■ ऑफिस में आपत्ति लगाई गई थी। आपत्ति के पक्ष में फैसला देने के लिए रिश्वत मांगी जा रही थी। इस पूरे घटनाक्रम में फरियादी ने ■ नायब तहसीलदार का भी नाम लिया है।