खुसूर-फुसूर यहां भी स्वतंत्र एजेंसी से की जाए जांच

खुसूर-फुसूर

यहां भी स्वतंत्र एजेंसी से की जाए जांच

मंदिर में जो कुछ हुआ और जो मुद्दे अब तक सामने आ रहे हैं उनसे तो ऐसा ही प्रतीत हो रहा है कि कर्मचारियों ने सीधे तौर पर यहां श्रद्धालुओं और मंदिर की राशि को चारागाह समक्ष लिया था।धर्म स्थल पर जिस प्रकार से उनके कर्म की जानकारी सामने रखी जा रही है उससे यही कहा जाएगा कि यह बहुत ही बडा मामला है। मंदिर की सुरक्षा को ताक पर रखकर जिस तरह से अर्थ कमाने की हवस इन्होंने दिखाई है वह कदापि क्षम्य नहीं कही जा सकती है। एक –दो ही नहीं वर्दी की जांच में बराबर बढती संख्या इस बात को स्पष्ट कर रही है कि यह मामला बहुत ही बडा है। इसमें संलिप्तता की स्थिति को बिल्कुल साफ करने के लिए इसकी जांच बहुत ही बारिकी से होना चाहिए । मामले के खुलासे से यह बात भी साफ हो रही है कि इसमें बराबर प्रश्रय की स्थितियां भी बनी रही हैं। इसके बगैर यह संभव नहीं हो सकता है। चौराहों पर खुसूर-फुसूर है कि देश के एक मंदिर में लड्डू मसले पर एजेंसी से जांच करवा ली गई थी। ऐसे ही यहां भी मामला श्रद्धालुओं की आस्था के केंद्र से जुडा हुआ है। ऐसे में राज्य स्तर की किसी स्वतंत्र एजेंसी से मामले में जांच करवा कर सिरे से आरोपियों के साथ उनके प्रश्रय दाताओं को भी घेरे में लिया जाना आवश्यक है।

Author: Dainik Awantika