कांग्रेस ने साध लिया प्रदेश का संकट? कमलनाथ ही होंगे 2023 में पार्टी के ‘नाथ’
ब्रह्मास्त्र भोपाल। मध्य प्रदेश के आगामी चुनाव के लिए कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन की आशंकाओं के बादल छंट गए हैं। पार्टी नेताओं ने एक बार फिर कमलनाथ में अपना भरोसा जताया है। इसके साथ ही तय हो गया है कि मध्य प्रदेश में 2023 का विधानसभा चुनाव कांग्रेस कमलनाथ के नेतृत्व में ही लड़ेगी। सोमवार शाम को इस बारे में कमलनाथ के निवास पर इस बारे में चार घंटे तक मीटिंग के बाद यह फैसला लिया गया। इसके साथ ही पिछले कुछ समय से मध्य प्रदेश कांग्रेस में दरार को लेकर उठ रही खबरों पर भी विराम लग गया है। इस मीटिंग में मध्य प्रदेश के तमाम वरिष्ठ कांग्रेसी नेता शामिल हुए। इनमें अजय सिंह और अरुण यादव भी शामिल थे। गौरतलब है कि इन दोनों नेताओं ने पिछले महीने दिल्ली में सोनिया गांधी से मिलकर कमलनाथ की शिकायत की थी।
दोनों ने आरोप लगाया था कि कमलनाथ उनकी बात नहीं सुन रहे हैं। इसके अलावा राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह, पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक गोविंद सिंह और जीतू पटवारी आदि भी मीटिंग में मौजूद रहे। एक वरिष्ठ नेता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि सभी ने कमलनाथ के नेतृत्व में विश्वास जताया। साथ ही उन्हें भरोसा दिलाया कि वह सभी 2023 का चुनाव उनके नेतृत्व में लड़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
दरार की खबरों पर यह बोले
एक अन्य नेता के मुताबिक इस दौरान कमलनाथ ने चुनाव में जीत के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के समर्थन की जरूरत बताई। साथ ही उन्होंने असंतुष्ट नेताओं की शिकायतें भी दूर कीं। कांग्रेस विधायक गोविंद सिंह ने कहाकि पार्टी नेताओं के बीच दरार की खबरें पूरी तरह से झूठी हैं। हम सभी ने कमलनाथ जी को आश्वस्त किया है कि हम एक हैं और उन्हें 2023 चुनाव में कांग्रेस पार्टी के मुख्यमंत्री उम्मीदवार के रूप में देखना चाहते हैं। मीटिंग के बाद मीडिया से बात करते हुए जीतू पटवारी ने कहाकि प्रदेश में आर्थिक अराजकता का माहौल है। वहीं सामाजिक तालमेल का भी अभाव है।