उज्जैन। चायनीज डोर के नूकसान को लेकर पुलिस आम आदमी के लिए सडक एवं छतों पर जांच का काम कर रही है। चायनीज डोर का उपयोग करने वालों को प्रतिबंध का उल्लंघन करने पर पकडा जा रहा है। इसे लेकर मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी ने भी रोको टोको अभियान चला रखा है। रेलवे ने भी सतर्क करते हुए चेताया है कि रेलवे लाईनों के पास इस तरह की डोर से पतंगबाजी न करें,मेटलिक डोर विद्युत लाईन के संपर्क में आने पर हादसे की संभावना बनती है।पश्चिम रेलवे रतलाम मंडल जनसंपर्क अधिकारी खेमराज मीणा ने विज्ञप्ति जारी कर बताया कि रेलवे ट्रैक के पास पतंग ना उड़ाकर जीवन की डोर को सुरक्षित रखें। उन्होंने बताया कि आमतौर पर यह देखा जाता है मकर संक्रांति के अवसर पर लोग रेलवे लाइनों के पास पतंग उड़ाते रहते है। इसके अलावा यह भी देखने में आया है कि पतंग उड़ाने के लिए मेटेलिक धागों का उपयोग किया जाता है। विद्युतीकृत रेलवे लाइनों के ऊपर 25 हजार वोल्ट के ओवर हेड तार लगे रहते हैं। जिनके चलते रेलवे लाइन के समीप पतंग उड़ाने से जान लेवा झटका लग सकता है। इसके अलावा रेल यातायात भी बाधित हो सकता है। अपनी और रेलवे के हित को ध्यान में रखते हुए रेलवे ट्रैक या परिसर के पास पतंग ना उड़ाएं ।आज से पुलिस विशेष नजर रखेगी-शहर के थाना क्षेत्रों में सोमवार से विशेष सतर्कता के साथ चौकसी बढाएगी। इसके लिए चायना डोर के उपयोग वाले क्षेत्रों में भवनों की छतों पर विशेष नजर रखी जाएगी। पूर्व से उडाए जा रहे ड्रोन से अधिक ड्रोन विभिन्न थाना क्षेत्रों में उडाकर पतंगबाजों के द्वारा उपयोग किए जाने वाले धागों पर भी पुलिस की नजर रहने वाली है। चायनीज डोर का उपयोग कर पतंगबाजी करने वालों को सीधे प्रतिबंध उल्लंघन के मामलों में पकडकर उनके विरूद्ध प्रकरण दर्ज किए जाएंगे।संवेदनशील प्रोटेक्शन सिस्टम से बचा बडा हादसा-मप्र पावर ट्र्रांसमिशन कंपनी ने रोको –टोको अभियान की शुरूआत की है। मुख्य अभियंता संदीप गायकवाड़ ने बताया कि पतंगबाजी के संवेदनशील क्षेत्रों में नागरिकों से व्यक्तिगत संपर्क करने के अलावा पोस्टर बैनर एवं पी.ए. सिस्टम के माध्यम से उन्हें सचेत एवं सतर्क किये जाने का अभियान चलाया जा रहा है। उज्जैन व आस-पास के कुछ स्थानों पर ट्रांसमिशन लाइनों में चायनीज मांझा के साथ पतंग फंसने की घटनाओं के बाद विद्युत व्यवधान हुआ था तथा पतंग उड़ाने वालों को भी नुकसान पहॅुचा था। एम.पी. ट्रांसको के संवेदनशील प्रोटेक्शन सिस्टम के 100 प्रतिशत ऑपरेट होने से बड़ी जनधन हानि से बचा जा सका था। इसे लेकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। श्री गायकवाड के अनुसार चायनीज मांझा चीन से आने वाले धातु से लिपटी पतंग की डोरी होती है। इसमें कई तरह के केमिकल और धातुओं का इस्तेमाल किया जाता है, जो डोरी को बिजली का अच्छा सुचालक बना देता है, जो संपर्क में आने से पतंग उड़ाने वाले के लिये घातक साबित होता है, साथ ट्रांसमिशन लाइन में लिपटने से व्यापक क्षेत्र में विद्युत व्यवधान और जनधन हानि की आशंका रहती है।