मकर संक्रांति पर शहर में दिखा अलग ही नजर… पतंग से आसमान हुआ रंग-बिरंगा, खूब लड़े पेंचकस  पतंगबाजी में युवा से लेकर बुजुर्ग, व बच्चों और महिलाओं ने भी हाथ आजमाया।

उज्जैन। लाल, हरी, नीली और पीली पतंगो ने खुले आकाश में इस कदर  उड़ान, भरी की  छतों से आसमां रंग-बिरंगी पतंगों से अटा दिखा। वो काटा…वो मारा…की आवाजें दिनभर सुनाई दी। पतंगबाजी के साथ ही डीजे और ढोल की थाप पर युवा थिरक रहे थे।
मकर संक्रांति पर मंगलवार सुबह से पूजा-अर्चना के साथ दान-पुण्य का दौर जारी रहा ।आसमान पर पतंगबाजों के बीच रस्सा-कस्सी शुरू हुई। जहां तिल-गुड़ की मिठास घुली रही तो दूसरी ओर आसमान रंग बिरंगी पतंगों से सतरंगी हो गया । मौका था मकर संक्रांति पर्व का। मंगलवार को जमकर पतंगबाजी हुई। उज्जैन बाबा महाकाल की नगरी  में मकर संक्रांति पर्व बड़ी उत्साह से मनाया गया। फिल्मी गानों पर झूमते हुए युवा पतंगबाजी का लुत्फ उठाते रहे,खूब पेंच लड़ाए गए।
वो काटा …,वो गया की… आवाज गूंजती रही। बच्चों व युवाओं के साथ ही बड़े-बुजुर्ग भी पतंगबाजी करते देखे गए। शहर में पतंगबाजी को लेकर युवाओं में खासा उत्साह देखने को मिला । पतंगबाजी का यह सिलसिला सुबह से दिन ढलने तक चलता रहा। शहर के हर घर की छत पतंगबाजों से अटी रही। शाम को आसमां आतिशी नजारों से दमकता दिखाई पड़ा।
रंग-बिरंगी पतंगों का दिखा राज…
कटी पतंग लूटने वालों में भी खासी होड़ रही। कई युवक तो जान की परवाह किए बगैर सडक़ों पर यहां-वहां दौड़ते रहे।  शहर की छतों से सूर्योदय से सूर्यास्त तक आसमान में परिंदों की जगह रंग बिरंगी पतंगों का राज रहा। शाम ढ़लते आसमा आतिशी नजारों से नहा उठा। अंधेरा होते ही लालटेन वाली पतंग आसमा में नजर आई।
दान-पुण्य भी खूब किए
मकर संक्रांति पर दान-पुण्य भी खूब हुए। गोशालाओं में गायों को हरा चारा डाला गया। लापसी खिलाई गई। शिप्रा नदी में लोगों ने पहुंचकर डुबकी लगाई। मंदिरों में भी खासी-पहल रही। लोगों के घर की छत पर काटटा  है की आवाज दिनभर गूंजती रही। यह सिलसिला सुबह से दिन ढलने तक चलता रहा।  एक दूसरे की पतंग काटने, पेंच लड़ाने की होड़ मची रही।   पतंगबाजी में इस बार युवा से लेकर बुजुर्ग, व बच्चों और महिलाओं ने हाथ आजमाया। छतों पर डीजे का शोर देर शाम तक सुनाई देता रहा, जो दिन ढलने के बाद ही बंद हुआ। मंगलवार को पूरे दिन आकाश में रंग बिरंगी पतंगे उड़ती रही। आसमान पर पतंगबाजों के बीच पेंच लड़ाने की होड़ मची रही। जहां तिल गुड़ की मिठास खुली रही तो दूसरी ओर आसमान रंग बिरंगी पतंग से सतरंगी हो गया। बच्चों और युवाओं को इस दिन का खास इंतजार रहता है। दो-तीन दिन पहले से ही वह तैयारी कर लेते हैं। कटी पतंग लूटने वालों में भी खांसी हो रही कई युवक तो जान की परवाह किए बगैर सड़कों पर यहां दौड़ते रहे।  मंगलवार को लोगों ने अपने दिन की शुरुआत मंदिर में भगवान के दर्शन कर की। महाकाल मंदिर पर श्रद्धालुओं की भीड़ भी देखी गई। वहीं अन्य मंदिरों में भी लोगों के दर्शन करने का सिलसिला जारी रहा। चाइना डोर पर प्रशासन ने प्रतिबंध लगा रखा था। और गुपचुप तरीके से चाइना डोर की बिक्री ना हो इसके लिए भी पुलिस प्रशासन ने अभियान शुरू कर दिया था और सतत नजर रखे हुए थे। खास बात यह रही कि इस बार पतंग बाजार में कुछ हद तक चाइना डोर की चोरी छुपे बिक्री पर प्रशासन  रोक लगाने मैं कामयाब हुआ है इस कारण कहीं पर भी पतंग उड़ाने में चाइना डोर का इस्तेमाल नहीं किया जिससे कोई हादसा भी नहीं हुआ।

Author: Dainik Awantika