इस बार होली दहन पर भद्रा का साया, एक घंटे चार मिनट तक रहेगा उत्तम समय

उज्जैन। इस बार होली दहन पर भद्रा का साया रहेगा. ज्योतिषियों ने बताया कि भद्रा के कारण होली दहन के लिए एक घंटा और चार मिनट ही उत्तम समय होगा. बता दें कि 13 मार्च की मध्य रात को होली का दहन होगा जबकि दूसरे दिन 14 मार्च को धुलंडी का त्यौहार मनाया जाएगा.
फाल्गुनी पूर्णिमा के अवसर पर 13 मार्च को होलिका दहन के समय भद्रा का प्रभाव रहेगा. इस कारण प्रदोषकाल नहीं होगा, और मध्य रात्रि में होलिका दहन के लिए 1 घंटे 04 मिनट का सर्वोत्तम समय निर्धारित किया गया है. इस दिन भद्रा की अवधि 12 घंटे 51 मिनट होगी. ज्योतिर्विदों के अनुसार, यदि भद्रा मध्य रात्रि तक बनी रहती है, तो शास्त्रों में भद्रा के मुख को छोड़कर पूंछ में होलिका दहन की अनुमति दी गई है. इस दिन भद्रा 12 घंटे 51 मिनट रहेगी। फाल्गुन पूर्णिमा की शुरुआत 13 मार्च को सुबह 10.35 बजे से 14 मार्च को दोपहर 12.23 तक रहेगी। साथ ही भद्रा भी पूर्णिमा के साथ शुरू हो कर रात 11.26 तक रहेगी।
भद्रा के मुख का समय रात 8.14 से रात 10.22 बजे एवं भद्रा की पूंछ का समय शाम 6.57 से रात 8.14 बजे तक होगा। हिंदु धार्मिक ग्रंथों के अनुसार होलिका दहन सूर्यास्त के बाद प्रदोष के समय जब पूर्णिमा तिथि व्याप्त हो करना चाहिए। भद्रा अगर पूर्णिमा तिथि के पूर्वार्ध में व्याप्त होती है तो उस समय होलिका पूजन एवं दहन नहीं करना चाहिए। इसमें सभी शुभ कार्य वर्जित माने गए हैं।