दरवाजा बंद करने के बाद अधेड़ ने लगाई फांसी,रस्सी टूटने पर गिरा पर नहीं बची जान

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उज्जैन। शराब के नशे में चिल्ला-पुकार मचा रहे अधेड़ को भाई ने चुपचाप सोने के लिये कहा तो उसने कमरे का दरवाजा बंद कर फांसी लगा ली। आवाज नहीं आने पर भाई ने उसे देखने के लिये दरवाजा बजाया, नहीं खुलने पर तोड़ा तो अधेड़ गमछे के फंदे से पंखे पर लटका मिला।
चिमनगंज थाना क्षेत्र के चिंतामण नगर में रहने वाला कैलाश पिता बाबूलाल रायकवार 55 वर्ष आरा मशीन पर काम करता था। सोमवार रात वह नशा कर घर लौटा तो और परिजनों के साथ गाली-गलौच कर चिल्ला-पुकार मचा रहा था। भाई दयाराम ने उसे चुपचाप कमरे में जाकर सोने के लिये कहा। कैलाश कमरे में चला गया और दरवाजा बंद कर लिया। कुछ देर भाई ने उसे देखने के लिये दरवाजा बजाया। नहीं खुलने पर तोड़ा तो फंदे पर लटका मिला। उसे चकर अस्पताल लाया गया। जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। मंगलवार सुबह पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद जांच शुरू की है। मृतक कैलाश एक बेटी का पिता था।
रस्सी टूटने पर गिरा पर नहीं बची जान
चिमनगंज क्षेत्र के अमर नगर में रहने वाले सुरज पिता राजेश सैनी 21 वर्ष ने सोमवार शाम को फांसी लगा ली थी। मंगलवार सुबह पोस्टमार्टम के दौरान परिजनों ने बताया कि 2 दिनों से शराब पी रहा था। शाम को घर लौटा था और दरवाजा बंद कर लिया था। मां कुसुम बाई घर के बाहर बैठी थी। काफी देर तक दरवाजा नहीं खुला तो बडेÞ बेटे अभिषेक को बुलाया। उसने वेंटिलेशन से देखा तो रस्सी लटकी दिखाई दी। दरवाजा तोड़ने पर सुरज जमीन पर पड़ा था उसके गले में रस्सी का फंदा था। गैस की टंकी नीचे रखी हुई थी। भाई उसे अस्पताल लेकर पहुंचा था। लेकिन सुरज की मौत हो चुकी थी। परिजनों ने बताया कि उसने सोमवार को दोस्तों से कहा था कि आखिरी बार साथ में चाय पी लो।

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