बैंगलोर के श्रद्धालुओं से भस्मारती दर्शन के नाम पर धोखाधड़ी

उज्जैन। भस्मारती दर्शन के नाम पर श्रद्धालुओं के साथ धोखाधड़ी के मामले में थम नहीं रहे है। अब बैंगलोर से आये श्रद्धालुओं से 7 हजार का आॅनलाइन ट्रांजेक्शन करा लिया गया। मामला सामने आने पर मंदिर समिति ने पुलिस को प्रकरण दर्ज करने के लिये पत्र लिया। पुलिस ने 2 युवको के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच में लिया है।
महाकाल थाना एसआई हेमंतसिंह जादौन ने बताया कि महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति की ओर से 24 मार्च को दो पत्र क्रमांक 552, 554 प्राप्त हुये थे। जिसमें बताया गया था कि बैंगलोर से आये टीएनबी प्रसाद के साथ भस्मारती दर्शन के नाम पर गौरव नामक व्यक्ति ने फोन पे पर 1 हजार रूपये आॅनलाइन ट्रांजेक्शन कराकर धोखाधड़ी की है। श्रद्धालु ने गौरव का मोबाइल नम्बर 9669625821, 9202653959 है। वहीं श्रद्धालु गोपाल पिता प्यारेलाल चौहान के साथ भी भस्मारती दर्शन के नाम पर मयूर वैष्णव ने 6 हजार रूपये लिये है। मयूर वैष्णव के मोबाइल नम्बर 9589742923, 9399884003 और 8839555478 है। जिस पर पेटीएम के माध्यम से ट्रांजेक्शन कराया गया है। मंदिर समिति की ओर से मिले शिकायत पत्र की जांच के बाद श्रद्धालुओं के साथ धोखाधड़ी करने वाले दोनों युवको के खिलाफ धारा 318 (4) का प्रकरण दर्ज किया गया है। मामले की अग्रिम कार्रवाई एएसआई चंद्रभानसिंह को सौंपी गई है। दोनों श्रद्धालुओं के बयान दर्ज कर आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी की जायेगी।
बाद में पता चला 200 रूपये में मिलती है परिमिशन
बताया जा रहा है कि बैंगलोर से रविवार को दोनों श्रद्धालु परिवार के साथ आये थे। उन्हे भस्मारती करना थी, इस दौरान जानकारी प्राप्त करने से पहले ही उनका संपर्क शातिर बदमाशों से हो गया। उन्हे पता नहीं था कि भस्मारती में प्रवेश कैसे किया जाता है। जिसके चलते दोनों ने श्रद्धालुओं को परिमिशन दिलाने की बात कहीं। आॅनलाइन रूपये ट्रांसफर करने के बाद दोनों अपना मोबाइल नम्बर देकर चले गये थे। कुछ देर बाद श्रद्धालुओं का पता चला कि भस्मारती अनुमति के लिये सत्कार एवं आॅनलाइन व्यवस्था है, जिसके अंतर्गत 200 रूपये प्रति श्रद्धालु के मान से निर्धारित है। उन्होने मंदिर प्रबंध समिति से संपर्क कर शिकायत की थी।
समिति सदस्य ने कोर्ट में किया सरेंडर
19 दिसंबर को कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने महाकाल मंदिर में श्रद्धालुओं से रूपये लेकर दर्शन कराने का मामला पकड़ा था। दूसरे दिन मंदिर प्रबंध समिति ने पुलिस को शिकायत दर्ज कराई थी। जिसके बाद मंदिर समिति से जुड़े कुछ अधिकारियों को कर्मचारियों को गिरफ्तार कर लिया गया था। मंदिर समिति सदस्य रहा दीपक मित्तल, आशीष शर्मा के साथ 2 मीडियाकर्मी पंकज शर्मा औ विजेन्द्र यादव फरार चल रहे थे। जिनकी गिरफ्तारी पर 10-10 हजार का इनाम घोषित किया गया था। मंगलवार को मंदिर समिति सदस्य रहे दीपक मित्तल ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया। जिसे महाकाल थाना पुलिस ने पूछताछ के लिये 2 दिनों की रिमांड पर लिया है।
चार्जशीट पेश होने पर मिली जमानत
दिसंबर माह में दर्शन के नाम पर अवैध वसूली का खुलासा होने पर पुलिस ने 14 लोगों को आरोपी बनाया था। जिसमें 10 आरोपितों को जेल भेजा जा चुका था। 3 माह का समय पूरा होने के बाद 21 मार्च को महाकाल पुलिस ने 2360 पन्नों की चार्जशीट कोर्ट में प्रस्तुत की थी। जिसके बाद 3 माह से जेल में बंद 10 आरोपितों विनोद चौकसे, राकेश श्रीवास्तव, अभिषेक भार्गव, राजकुमार सिंह, राजेंद्रसिंह सिसोदिया, ओमप्रकाश माली, रितेश शर्मा, करण सिंह पवार को 2 दिन पहले जमानत मिल गई थी।