खुसूर-फुसूर सिंहस्थ प्राधिकरण गठन की कवायद…

खुसूर-फुसूर
सिंहस्थ प्राधिकरण गठन की कवायद…
सिंहस्थ समागम-28 को लेकर अब सिरे से देखा जाए तो करीब ढाई साल का समय ही शेष बचा है। सिंहस्थ के लिए प्राधिकरण का भवन पूर्व से ही तैयार है। उसमें पूर्ववत नए मेला अधिकारी के साथ नए अध्यक्ष का इंतजार है। इसके साथ ही सिंहस्थ के लिए आगामी योजना एवं विभिन्न समितियों के लिए कवायदें शुरू हो जाएंगी। मेला अधिकारी और उनके मातहत अधिकारियों के पदस्थापना से सीधे तौर काम पर दोहरी नजर हो जाएगी। मेला कार्यालय से भी कार्यों की मानिटरिंग होगी और जिला प्रशासन भी कामों पर अपनी नजर रखेगा। ऐसे में मेले के लिए आने वाले नए काम और नए प्रस्तावों को लेकर भी त्वरित निर्णय हो सकेंगे। साधिकार समिति की और उन्हें तत्काल ही भेजने में व्यर्थ का समय नहीं लगेगा। जिस तरह से घाट निर्माण के लिए निविदा और उसके प्रस्ताव सहित अन्य में देरी का मामला सामने आया है ऐसे मामलों से सिरे से बचा जा सकेगा। मेला क्षेत्र की छोटी-छोटी जरूरतों को पूरा करने के लिए होने वाली तैयारियों के लिए एक टीम पूरी तरह से उसी मामले में सक्रिय रहेगी। 2016 में अंतिम दौर में मेला क्षेत्र के कुछ स्थानों पर पानी नहीं पहुंचने की स्थिति के चलते टंकी स्टैंड खरीदी में घोटाला हुआ था। ऐसे कई मामले इतने बडे आयोजन में रहेंगे जिन्हें लेकर पहले से ही अगर योजनाबद्ध रूप से विचार हो जाएगा तो सुविधाजनक रूप से आयोजन में उनका लाभ लिया जा सकेगा। खुसूर-फुसूर है कि सिंहस्थ प्राधिकरण के पुर्नगठन को लेकर प्रस्ताव की स्थितियां बहुत जल्द साफ होंगी और वर्षाकाल के पूर्व ही मेला कार्यालय में गहमागहमी के साथ मेला अधिकारी सहित अध्यक्ष एवं समिति के लोगों का उठना बैठना प्रारंभ हो सकता है।