म्यांमार में 10 हजार लोगों के मरने की आशंका, एक हजार की मौत, 2300 से ज्यादा घायल, 30 मंजिला इमारत में फंसे 110 लोग

नेपीदा। म्यांमार में आए भूकंप में दस हजार से ज्यादा लोगों के मरने की आशंका जताई गई है। यह आशंका यूनाइटेड स्टेट जियोलॉजिकल सर्वे (यूएसजीएस) ने व्यक्त की है। भूकंप के झटके थाईलैंड, बांग्लादेश, चीन व भारत तक महसूस किए गए। म्यांमार की सरकार का कहना है कि मरने वालों की संख्या एक हजार को पार कर गई है। जबकि 2300 से ज्यादा लोग घायल हैं। उधर थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में एक 30 मंजिला इमारत गिर गई है। इसमें 10 लोगों की मौत हुई है।
म्यांमार में शुक्रवार सुबह 11।50 बजे 7।7 तीव्रता का भूकंप आया। म्यांमार व थाईलैंड में यह 200 साल का सबसे बड़ा भूकंप है। भारी तबाही के चलते म्यांमार के 6 राज्यों व पूरे थाईलैंड में इमरजेंसी लगा दी गई है। भूकंप के बाद भारत ने म्यांमार को 15 टन राहत सामग्री की पहली खेप भेज दी है। इसे आॅपरेशन ब्रह्मा नाम दिया गया है। जियोलॉजिस्ट के मुताबिक म्यांमार में आए भूकंप ने 334 परमाणु बम विस्फोट के बराबर एनर्जी पैदा की। जिसके चलते भूकंप के बाद आने वाले झटके कुछ महीनों तक रह सकते हैं। वहीं थाईलैंड के बैंकॉक में भूकंप के बाद एक साउथ कोरियाई फैमिली 31वीं मंजिल पर फंस गई थी। इस आपदा के बाद भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आज सोशल मीडिया पर लिखा कि म्यांमार के लोगों के लिए पहली खेप के रूप में तात्कालिक मानवीय सहायता भेजी गई है। उन्होंने बताया कि भारतीय वायु सेना का सी-130 प्लेन कंबल, तिरपाल, स्वच्छता किट, स्लीपिंग बैग, सोलर लैंप, फूड पैकेट व किचन सेट ले जा रहा है। प्लेन में एक सर्च व रेस्कूय टीम के अलावा मेडिकल टीम भी है। जयशंकर ने कहा कि हम स्थिति पर नज? बनाए रखेंगे और आगे भी सहायता भेजी जाएगी।
म्यांमार के 6 स्टेट में लगाई गई इमरजेंसी-
म्यांमार में भूकंप के बाद देश की सैन्य सरकार ने 6 राज्यों में इमरजेंसी की घोषणा कर दी है। ये इलाके हैं सगाइंग, मांडले, बागो, मागवे, शान राज्य (पूर्वी हिस्सा) व नेपीदा। सैन्य सरकार के नेता जनरल मिन आंग ह्लाइंग ने बताया कि नेपीदा में 96 लोग, सागिंग में 18 व मांडले क्षेत्र के क्याक्से टाउनशिप में 30 लोग मारे गए हैं।