इंदौर निगम एडिशनल कमिश्नर समेत 4 वाहनों पर नोटिस चस्पा

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ब्रह्मास्त्र इंदौर

इंदौर जिला कोर्ट की टीम ने शुक्रवार शाम को एडिशनल कमिश्नर सहित चार कारों पर जब्ती के नोटिस चस्पा कर दिए। एडिशनल कमिश्नर के कैबिन पर भी नोटिस चस्पा किया गया। हालांकि, कुछ ही देर में निगमकर्मियों ने उसे हटा दिया। यह घटनाक्रम करीब आधे घंटे तक चला।
दरअसल, निगम की 2.24 करोड़ मुआवजा नहीं देने के मामले में कोर्ट के आदेश पर टीम संपत्ति जब्त करने पहुंची थी। मामला 2017 का है। निगम ने तब गणेशगंज निवासी रविशंकर मिश्रा के मकान को सड़क चौड़ीकरण के लिए ध्वस्त कर दिया था। इसके विरोध में मिश्रा ने हाईकोर्ट की शरण ली।

कोर्ट ने उनके पक्ष में फैसला सुनाया और मामले को मध्यस्थता के लिए भेज दिया। 2022-23 में तीन सदस्यीय मध्यस्थता समिति ने उन्हें 2.19 करोड़ का मुआवजा देने का आदेश दिया लेकिन निगम ने मुआवजा नहीं दिया।

नोटिस चस्पा कर चली गई टीम
निगम के इस रवैया से परेशान होकर रविशंकर मिश्रा ने जिला कोर्ट में ‘बजावरी’ के लिए एक आवेदन दायर किया और 4.45 लाख की स्टाम्प ड्यूटी जमा की। इसके आधार पर कोर्ट ने निगम की संपत्तियों को जब्त करने का आदेश दिया। इसके बाद शुक्रवार को कोर्ट की टीम निगम मुख्यालय पहुंची और संपत्ति जब्ती की कार्यवाही शुरू की। टीम के साथ पुलिस भी थी।

ल्ल अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद संपत्ति रिलीज- अपर कमिश्नर रोहित सिसोनिया ने बताया कि मध्यस्थता समिति के फैसले को कानूनी रूप से चुनौती दी जा रही है। हमने जिला कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील की है और मामला अभी भी लंबित है। जब अदालत की टीम जब्ती के लिए आई तो उन्हें अपील के बारे में बताया। मध्यस्थता के आदेश को रद्द कराने का प्रयास किया जाएगा। कोर्ट के अंतिम निर्णय को मान्य किया जाएगा।
ल्ल मुख्यालय में अधिकारियों और कर्मचारियों में अफरा-तफरी- इस बीच जैसे ही कोर्ट की टीम मुख्यालय पहुंची तो निगम परिसर में अफरातफरी मच गई, और कर्मचारी बड़ी संख्या में इकट्ठा हो गए। कई अधिकारी कार्यवाही देख चौंक गए।

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