मप्र की 90 फीसदी वक्फ संपत्तियां हुई अवैध कब्जे का शिकार, मुस्लिमों ने ही जमाया कब्जा, प्रदेश में 15008 संपत्तियां का हुआ खुलासा

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इंदौर। केंद्र सरकार ने लोकसभा और राज्यसभा में वक्फ संशोधन बिल को पेश कर पास करा लिया है। इसको लेकर मुस्लिम समाज समर्थन भी कर रहा है और विरोध भी कर रहा है।

इस बिल से वक्फ की जमीन से अवैध अतिक्रमण और कब्जे हटा कर उसको वापस लेने की बात कही जा रही है। मध्य प्रदेश में ही वक्फ बोर्ड की 15008 संपत्तियां हैं।
इसमें से 90 प्रतिशत संपत्तियों पर कब्जा हो गया है। इससे वक्फ बोर्ड को उन संपत्तियों से कोई कमाई नहीं हो पा रही है। भोपाल में प्लेटफॉर्म नंबर-1 की तरफ से सराय के रूप में बड़ी प्रापर्टी है। इससे बोर्ड को कोई इनकम नहीं हो रही है।
इस पर कुछ निजी लोगों का कब्जा है। भोपाल टॉकीज के पास बड़ा बाग कब्रिस्तान की जमीन पर बनी दुकानों से बोर्ड को एक रुपए भी किराया नहीं मिल रहा है। इन दुकानों का किराया लाखों रुपए है। मॉडल ग्राउंड स्टेशन रोड पर वक्फ बोर्ड की 15 दुकानें हैं, यहां से भी कोई किराया नहीं मिल रहा है, लोगों ने दादागिरी कर कब्जा कर रखा है।

कुछ लोगों ने वक्फ की संपत्तियों को अपनी आजीविका के लिए मामूली राशि को किराए पर लिया और उसको दूसरों को किराए पर देकर हजारों रुपए कमा रहे हैं। यानी वक्फ से 100 रुपए किराये पर लिया और उसको 10 से 20 हजार रुपए दूसरों से किराया वसूल रहे हैं।
वक्फ की प्रदेश में पांच हजार हेक्टेयर कृषि भूमि है, जिसमें से 90 प्रतिशत पर अवैध कब्जा है।

भोपाल में सर्वाधिक वक्फ संपत्तियां —

प्रदेशभर में सबसे ज्यादा वक्फ संपत्तियां भोपाल में ही हैं, जहां 4475 संपत्तियां पंजीकृत हैं। इनमें कब्रिस्तान, मुसाफिर खाने, मस्जिदें, कृषि भूमि, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स और विभिन्न संपत्तियां शामिल हैं, जिन पर विवाद भी हो चुके हैं।
बोर्ड अध्यक्ष डॉ. सनवर पटेल का कहना है कि वक्फ बोर्ड की 90 प्रतिशत से अधिक संपत्तियों पर मुस्लिम समाज के लोगों का ही कब्जा है।

साल में होती है दो करोड़ तक कमाई —-

अभी वक्फ बोर्ड की संपत्तियों से सालाना एक से दो करोड़ रुपए की ही कमाई हो रही है। यदि संपत्तियों से अवैध कब्जा हट जाए तो बोर्ड को 100 करोड़ रुपए सालाना कमाई हो सकती है।
उन्होंने कहा कि उनको केंद्र सरकार के वक्फ संशोधन बिल से बहुत उम्मीद है। अब यह मामला शासन और प्रशासन की नजर में आया है। इन संपत्तियों से कब्जा हटाया जाएगा। जनकल्याण के लिए इन संपत्तियों को दान किया गया था।
इससे होने वाली आय को उसके उद्देश्य। भलाई, परोपकार, गरीब जररूत की मदद और शिक्षा पर खर्च किया जाएगा। अभी है इनकम नहीं होने से वक्फ की संपत्तियों को संधारण और संचालन भी ठीक से नहीं किया जा रहा है।

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