उज्जैन में 1080 वक्फ संपत्तियां, 80-90 फीसद अवैध कब्जे में – मदार गेट की 115 दुकानों की गड़बड़ी,7 करोड 11 लाख वसूली का नोटिस और एफआईआर है मामले में

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उज्जैन। संसद के दोनों सदनों में भी वक्फ बिल पास होने के बाद इनकी अवैध कब्जे से मुक्ति की हलचल शुरू हो गई है। अकेले उज्जैन जिले में ही वक्फ की 1080 संपत्तियां हैं। इनमें से 80 फीसदी से अधिक पर अवैध कब्जे हैं। इनका उपयोग परोपकार की बजाय  निजी हितों में किया जा रहा है। प्रदेश वक्फ बोर्ड ने पहली बार मेधावी बच्चों की स्कूलों की फीस भरी है।

वक्फ बोर्ड के प्रदेश अध्यक्ष सनवर पटेल के अनुसार उज्जैन जिले की 1080 में से 80 प्रतिशत से अधिक पर अवैध रूप से कब्जा किया हुआ है और निजी हितों को साधने का काम इसके तहत किया जा रहा है। उनके अनुसार मदारगेट वक्फिया संपत्ति के मामले में 115 दुकान हैं लेकिन मात्र 15 दुकानों को ही इसमें दर्शाया गया और शेष का वैधानिक लेनदेन ही गायब कर दिया गया। इसके चलते कमेटी के प्रबंधक को 7करोड 11 लाख रूपए की वसूली का नोटिस दिया गया था। शिप्रा विहार योजना में विकास प्राधिकरण एवं वक्फ के बीच मामला न्यायालय में विचाराधीन है। वहां स्टे मिला हुआ है। अधिकांश वक्फियां संपत्तियों पर कब्जा किया गया है और कमेटियों में गडबड कर रखी है। नए वक्फ कानून के तहत इसमें कार्रवाई की जाएगी।

प्रदेश भर में 15 हजार से अधिक वक्फ संपत्तियां-

मध्य प्रदेश में 15008 संपत्तियां वक्फ की है। इन संपत्तियों में से 90 फ़ीसदी पर भूमाफियाओं का अवैध कब्जा है। अब बिल पास हो गया है। इस अवैध कब्जे को जल्द हटाया जाएगा और वक्फ की संपत्तियों का उपयोग स्कूल, अस्पताल और जरूरतमंद मुसलमानों के लिए होगा। उज्जैन, इंदौर, भोपाल, सागर और जबलपुर में जांच में वक्फ की संपत्ति पर भू माफिया का अवैध कब्जा है। उस पर जल्द कार्रवाई होगी। श्री पटेल के अनुसार पूरे प्रदेश में वक्फ की संपत्ति से अवैध कब्जा हटाकर पट्टेधारियों को दिया जाएगा जिससे वक्फ बोर्ड को बड़ा राजस्व प्राप्त होगा। वक्फ की 90 फ़ीसदी संपत्ति पर आज भी अवैध कब्जे हैं। लोग अपनी संपत्ति वक्फ बोर्ड को इसलिए दान करते हैं ताकि उस संपत्ति का उपयोग परोपकार के कार्यों में हो। बावजूद इसके चंद लोग अपनी जेब भरने में लगे हुए हैं। देश की मोदी और प्रदेश की मोहन सरकार अब ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई करने जा रही है।

ये है मदारगेट वक्फ संपत्ति का मामला-

उज्जैन के मदारगेट क्षेत्र में गड़बड़ी का एक बड़ा मामला पिछले जून माह में सामने आया था। जिसके तहत उज्जैन में कांग्रेस नेता रियाज खान को वक्फ बोर्ड ने 7 करोड़ 11लाख रुपए की वसूली का नोटिस दिया । शिकायत के बाद रियाज के खिलाफ खाराकुआं थाने में एफआईआर भी दर्ज कर ली गई है। उन पर वक्फ बोर्ड की जमीन पर स्थित दुकानदारों से वसूली का आरोप है। रियाज खान युवक कांग्रेस के पूर्व शहर अध्यक्ष रह चुके हैं। वर्तमान में उज्जैन शहर कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष हैं।

वे पिछले 26 साल से वक्फ बोर्ड उज्जैन में अध्यक्ष रहे। इस दौरान वक्फ बोर्ड की संपत्ति की देखरेख करते रहे। 24 अप्रैल 2024 को वक्फ बोर्ड भोपाल ने रियाज खान को नोटिस दिया। इसमें अवैध रूप से वर्ष 2006-07 से वर्ष 2022-23 तक 7 करोड़ 11 लाख रुपए की रिकवरी निकालकर सात दिन में जवाब देने के लिए कहा। बोर्ड ने रियाज को पत्र लिखकर कहा कि क्यों न आपके विरुद्ध वक्फ अधिनियम 1995 की धारा 34 के प्रावधानों के तहत उपरोक्त राशि की वसूली की जाए। वक्फ बोर्ड ने 2 अगस्त 2023 को जांच समिति गठित कर उनके कार्यकाल की जांच कराई। जांच में पाया गया कि मदार गेट पर 115 दुकानों, 2 स्कूल बिल्डिंग और 5 ऑफिस रूम का निर्माण वक्फ संपत्ति के रूप में किया,जबकि वक्फ के दस्तावेज में मात्र 15 दुकानें ही दर्शाई गई।  रियाज खान ने कई साल तक किराया वसूला, लेकिन इसकी सूचना न तो बोर्ड को दी गई और न ही किराएदारों से प्राप्त होने वाली आय का हिसाब दिया गया। वक्फ संपत्ति का उपयोग निजी संपत्ति के रूप में किया गया। इसका अनाधिकृत लाभ अर्जित किया गया।

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