जेल भेजने की धमकी मिलने पर कातिल बना पड़ोसी युवक -घायल वृद्धा की मौत के 72 घंटे बाद अंधेकत्ल का हुआ पर्दाफाश

उज्जैन। हमले में घायल वृद्धा की मौत का मामला अंधा कत्ल बन गया था। पुलिस ने सुराग तलाशना शुरू किया और फिगंर प्रिंट मिलने की बात कहीं। पड़ोस में रहने वाला युवक घबरा गया, उसके हाव-भाव देख शंका हुई तो सख्त पूछताछ की गई। उसने हमला करना कबूल कर लिया। वृद्धा की मौत के बाद पुलिस ने हमले की धारा को हत्या में तब्दील किया था।
नागदा थाना प्रभारी अमृतलाल गवरी ने बताया कि 24 मार्च की शाम डॉक्टर शर्मा की गली में अकेली रहने वाली प्रीति जैन पति स्व. ओमप्रकाश गुप्ता 68 वर्ष को घायल हालत में उसकी भाभी ज्योति जैन अस्पताल लेकर पहुंची थी। जहां से उपचार के लिये उज्जैन ले जाया गया था। 28 मार्च को ज्योति जैन ने अकेली रहने वाले प्रीति जैन पर हमला होने की शिकायत थाने आकर जताई। पुलिस घटनास्थल पहुंची तो घर में खून फैला दिखाई दिया, जो चार दिन पुराना हो चुका था। मामले में अज्ञात व्यक्ति द्वारा हमला करने का मामला दर्ज किया गया। इस बीच 30 मार्च को उज्जैन अस्पताल में भर्ती प्रीति जैन की मौत हो गई। मामला हत्या में तब्दील किया गया। 72 घंटे बाद मृतक प्रीति जैन के पड़ोस में रहने वाले युवक यशवर्धन पिता पवनसिंह सोलंकी 18 वर्ष को पूछताछ के लिये हिरासत में लिया गया। पहले उसने बरगलाने का प्रयास किया। लेकिन सख्ती के आगे टूट गया। उसने बताया कि छत पर एयर बटस लगाकर गाना सुनते हुए कसरत कर रहा था, तभी एयर बटस दादी प्रिती जैन की छत पर गिर गया था। वह बटस उठाने दादी की छत पर गया तो दादी ने देख लिया। आरोप लगाते हुए कहा कि चोरी करने आया है, तेरे माता-पिता को बताऊंगी, दादी ने थप्पड़ मार दिया था और पुलिस को बुलाकर जेल भेजने की धमकी दी। तभी गुस्से में छत पर पड़ी सीमेंट की विल्सी से दादी के सिर पर हमला कर दिया। थाना प्रभारी के अनुसार मामला अंधा कत्ल बना हुआ था पड़ोसी युवक के घटना कबूलने पर सुलझ गया। युवक को कोर्ट में पेश कर जेल भेजा गया है।
युवक घबराया तो पुलिस को हुई शंका
बताया जा रहा है कि वृद्धा प्रीति जैन की मौत होने के बाद शव उज्जैन से अंतिम संस्कार के लिये नागदा लाया गया। प्रीति जैन का पुत्र देवास में प्रायवेट जॉब करता है, वहीं की इंदौर में शादी हुई है। परिवार अंतिम यात्रा में शामिल हुआ तो पड़ोस में रहने वाला यशवर्धन भी पहुंचा। अंतिम संस्कार के बाद परिजनों ने थाने पहुंचकर शंका जताई कि प्रीति जैन पर लूट के इरादे से हमला हुआ था। उस दौरान भी यशवर्धन परिजनों के साथ थाने पहुंचा। पुलिस सायबर टीम के साथ तकनीकी साक्ष्यों और आसपास के सीसीटीवी फुटेज देख रही थी। वहीं छत से खून लगी विल्स भ्ी मिली थी। आरोपी का पता नहीं चलने पर पुलिस ने परिजनों को बताया कि विल्सी की जांच में फिगंर प्रिंट के निशान मिले है। यह सुनकर यशवर्धन घबरा गया, पुलिस सभी के हाव-भाव पर नजर रख रही थी, यशवर्धन को देख शंका हुई। लेकिन पुलिस ने कुछ नहीं किया। बाद में पता चला कि यशवर्धन घर से कही चला गया है। पुलिस ने तत्काल उसे हिरासत में लेने के लिये परिजनों से पूछताछ शुरू की और थाने बुलाया। जिसके बाद यशवर्धन पुलिस की गिरफ्त में आ गया।
टीम को मिलेगा 10 हजार का इनाम
हमले में घायल वृद्धा की मौत के बाद मामला अंधा कत्ल बन गया था। एसपी प्रदीप शर्मा ने ग्रामीण एएसपी मयूर खंडेलवाल के निर्देशन में सीएसपी बृजेश श्रीवास्तव, थाना प्रभारी अमृतलाल गवरी, एएसआई राजेश कलीम, एसआई प्रतिक यादव (सायबर सेल) प्रधान आरक्षक सुनिलसिंह बैस, यशपालसिंह सिसौदिया, रितेश बोरिया, दिनेश गुर्जर, राजपाल सिह चंदेल (सायबर सेल), सोमसिंह भदौरिया, आरक्षक सुरेश डांगी, ईश्वर परिहार (थाना बिरलाग्राम), कृष्णा बैरागी (थाना (खाचरोद) की टीम गठित की थी। टीम ने 72 घंटे में मामला का पर्दाफाश कर दिया। एसपी ने टीम को 10 हजार का इनाम देने की घोषणा की है।