उज्जैन में भीषण गर्मी से बचाने के लिए भगवान को एसी-कूलर से ठंडक – आरती में बत्ती कम तो शृंगार भी फूलों का, भोग में फल व ठंडी सामग्री का उपयोग

उज्जैन में भीषण गर्मी से बचाने के लिए भगवान को एसी-कूलर से ठंडक

– आरती में बत्ती कम तो शृंगार भी फूलों का, भोग में फल व ठंडी सामग्री का उपयोग
दैनिक अवंतिका उज्जैन। 
उज्जैन में भीषण गर्मी से बचाने के लिए भगवान को एसी-कूलर व पंखे आदि लगाकर ठंडक प्रदान की जा रही है तो और भी कई प्रकार के जतन मंदिर के पुजारी कर रहे हैं। आरती में कम बत्ती लगाई जा रही है ताकि गर्मी न हो।  
शृंगार में ठंडे फूलों का उपयोग किया जा रहा है तो भोग में फल व ठंडी सामग्री भगवान को परोसी जा रही है। उज्जैन में अभी गर्मी की शुरुआत ही हुई है और पारा 42 डिग्री पार पहुंचने लगा है। जिससे लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो गया। लोगों के गर्मी से हाल बेहाल है। इसके चलते अब भगवान को भी मंदिरों में गर्मी से बचाने के लिए जतन किए जा रहे हैं ताकि ठंडक मिलती रहे। 
महाकाल को भस्मारती में ठंडे 
जल से स्नान, भोग में ठंडी चीजें 
महाकाल मंदिर में पुजारी गण रोज भस्मारती में भगवान को भस्मारती में ठंडे जल से स्नान करा रहे हैं। भोग में सुबह शाम ठंडी चीजों का ही प्रयोग किया रहा है। मंदिर के पुजारी आशीष गुरु ने बताया कि मौसम के अनुरूप भगवान की दिनचर्या में बदलाव किया जाता है। सुबह शाम की आरती के समय में भी गर्मी से बचाव के लिए समय परिवर्तित किया गया है। जैसे जैसे गर्मी और बढ़ेगी भगवान को ठंडक प्रदान करने के लिए और जतन किए जाएंगे। गर्भगृह में अभी ऐसी लगाया गया है जिससे 24 घंटे ठंडक बनी रहती है। वहीं 11 मिट्टी की मटकियों की जलधारा भी आने वाले दिनों में लगाई जाएगी। 
सांदीपनि आश्रम में चंदन 
का लेप, दही-छाछ का भोग 
मंगलनाथ मार्ग स्थित प्रसिद्ध सांदीपनि आश्रम में भगवान श्री कृष्ण, बलराम और सुदामा जी को गर्मी के प्रकोप से बचाने के लिए प्रतिदिन चन्दन का लेप लगाया जा रहा है। मुख्य पुजारी पंडित रूपम व्यास ने बताया कि भगवान को रोज दही व छाछ के साथ ठंडे फल का भोग लगाया जा रहा है। वहीं मंदिर के अंदर पंखे लगाकर भी ठंडक प्रदान की जा रही है।
महाप्रभुजी, श्रीजी में फूलों से 
शृंगार व फूलों का भोग लगा रहे
मंगलनाथ मार्ग स्थित श्री महाप्रभुजी की बैठक व ढाबा रोड स्थित श्रीनाथ जी की हवेली में गर्मी से बचाने के लिए ठाकुर जी विशेष सेवा की जा रही है। महाप्रभुजी से जुड़े विट्ठल नागर ने बताया कि भगवान के शृंगार में मोगरे व गुलाब के फूलों का ज्यादा उपयोग किया जा रहा है। वहीं भोग में आम, तरबूज, खरबूज, ककड़ी आदि ठंडे फलों का भोग लगाया जा रहा है। 
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Author: Dainik Awantika

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