विकास के चलते उजड़ा श्री बालोद्यान, कचरा जलाने से पेड़ों को हो रहा नुकसान, स्विमिंग पूल के विकास ने उद्यान की पूरी खूबसूरती छीन ली

ब्रह्मास्त्र उज्जैन

कोठीरोड पर स्थित श्री बालोद्यान अपनी सुन्दरता व हरियाली के चलते पूरे शहर मे एक विशिष्ट स्थान रखता था। कुछ समय पूर्व शायद इसको किसी की ऐसी नजर लगी कि ये बेहद सुन्दर उद्यान उजाड़ सा हो गया है। पास स्थित स्विमिंग पूल के विकास ने इस प्यारे से उद्यान की पूरी खूबसूरती छीन ली।

कुछ वर्षों पूर्व ही यहां आनेवाले कसरत के शौकीन लोगों के लिए एक्सरसाइज करने की मशीन लगाई गई थी। न तो इनका रखरखाव किया गया और न ही इनको सुरक्षित रखने के प्रयास किए गये फलस्वरूप ये महंगी एक्सरसाइज मशीन कबाड़ मे तब्दील हो चुकी हैं। वर्जिश के शौकीन लोग इसको लेकर बड़े दु:खी हैं।

चारों तरफ गंदगी
स्मार्ट सिटी की बातें जोरशोर से की जाती है पर यथार्थ में क्या हो रहा है इसका जीता-जागता उदाहरण है श्री बालोद्यान। यहां चारों ओर गंदगी नजर आती है। प्लास्टिक व सीमेंट की खाली थैलियां बिखरी पडी हैं। तोड़फोड़ का मलबा सभी ओर नजर आता है। सूखे पत्ते चहुंओर बिखरे पड़े हैं।

कचरा जलाकर पेड़ों को नुकसान
श्री बालोद्यान मे पेड ही पेड़ हैं और ठंडक बनाए रखने मे पेड़ सहायक हैं किन्तु यहां के सफाईकर्मी ने तो हद ही कर रखी है । प्रशासन ने खेतों मे नरवाई जलाने पर प्रतिबंध लगा रखा है पर शहर के अफसरों के क्षेत्र मे स्थित इस उद्यान मे सूखे पत्ते रोज जलाए जा रहे हैं। इससे उठने वाला धुंआ दिनभर पार्क मे प्रदूषण उत्पन्न करता है। इस धुंए से उद्यान मे आनेवाले लोगो को बहुत परेशानी हो रही है।

हरे भरे पेड़ों को नुकसान
आज जब पूरे विश्व मे पौधारोपण करके पर्यावरण को सहेजने के प्रयास हो रहे हैं तब इस उद्यान मे हरे भरे पेड़ को कचरा जलाने के दौरान हानि पहुंचाई जा रही है। एक पेड के नीचे कचरा जलाने से वह पेड़ पूरा काला हो गया है और उसकी पत्तियां भी अपनी हरियाली खो चुकी हैं।

कंपोस्ट पिट का प्रयोग नहीं
बालोद्यान में एक कंपोस्ट पिट बनाया गया था ताकि बगीचे का आर्गेनिक कचरा इसमे डालकर खाद मे परिवर्तित किया जाए किन्तु देखने पर पता लगता है कि कंपोस्ट पिट का उपयोग हो ही नही रहा है। इसमे सिमेन्ट की खाली थैलियां और प्लास्टिक पड़ा हुआ है।

पर्यावरण प्रेमी सुध क्यों नहीं ले रहे
शहर मे पर्यावरण प्रेमी कई संस्थाएं हैं जो बारिश के दौरान पौधे लगाने की अपील करती हैं और पौधारोपण के कार्यक्रम आयोजित करती है किन्तु फले फूले हरे वृक्षों को जलता देख ये लोग कुछ कदम क्यों नहीं उठा रहे। ऐसा लगता है कि प्रबुद्ध व प्रगतिशील दिखाने के लिए तो जोरशोर से प्रचार किया जाता है पर ठोस धरातल पर कुछ नही किया जाता।

फंड की कमी
नगरनिगम पूरी तरह कंगाल हो चुका है। श्री बालोद्यान की बर्बादी के पीछे भ्रष्ट लोगों का हाथ है जो उद्यान मद का पैसा यहां नही लगा रहे हैं। स्विमिंग पूल के रिनोवेशन के नाम पर एक सुन्दर उद्यान की बलि दी जा रही है।
राजेन्द्र वशिष्ठ, पार्षद प्रतिनिधि वार्ड 52

Author: Dainik Awantika

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