ल्ल बिल्डर के पीछे किसका हाथ
ल्ल बिल्डर के पीछे कौन
ल्ल कौन कर रहा माफिया गैंग को सपोट
शासन – प्रशासन को जेब में रखकर चलने वाले अवैध कॉलोनाइजर आम जनता को दे रहे चकमा
ब्रह्मास्त्र इंदौर
इंदौर सच में भले ही स्वच्छता में नंबर वन होने के साथ मेट्रो सिटी की ओर अग्रसर हो रहा हो, मगर अनैतिक काम करने वाले पर मेहरबानी की जा रही है। इंदौर में हजारों लोग आज भी बिल्डरों, कॉलोनाइजर , जमीन और मकान के दलालो से दु:खी है। इनके दु:खो का अंत लगता है स्वयं मुख्यमंत्री मोहन यादव भी नहीं कर सकते है। दरअसल ऐसे काले पीले कारनामे करने वाले खुद हो सीएम मोहन यादव को अपना बताकर खुलेआम जनता को अलग अलग जगहों पर लूट रहे है।
बिना राजनीति और गुंडों के सहयोग ये यह संभव भी नहीं है। इंदौर के अरविंदो क्षेत्र में एक और ठगौरा बिल्डर इसी तरह लोगों से लाखों रुपए लेकर फरार हो गया। प्रदेश के अलग अलग जिले के लोगों को सांई नाथ बिल्डर्स एवं डेवलपर्स के कर्ताधर्ताओं ने अपने प्रोजेक्ट की मार्केटिंग करवाकर जाल में फंसा लिया। अरविंदो के सामने ही कुछ वर्ष पूर्व एक मल्टी का निर्माण शुरू किया गया था। इसको पूर्ण करने के पूर्व ही खरीददारों से सारे रुपए ले लिए गए , वही हर बार खरीददार को आधिपत्य देने की बात कहते रहे।
दरअसल सच्चाई ये है कि आज बिल्डर सबको चुना लगाकर इधर उधर छिप गया है। वही उक्त मल्टी को खंडहर में तब्दील कर दिया गया है। इस पूरे मामले को लेकर कलेक्टोरेट कार्यालय में शिकायतें भी की जा चुकी हैं, लेकिन मामले में अभी तक भी कोई कार्यवाही आरम्भ तक नहीं की गई है। इस पूरे मामले को लेकर पीड़िता शांभवी ललवानी ने बताया कि उन्होंने साईनाथ बिल्डर्स एंड डेवलपर्स से एक फ्लैट खरीदा था। इस संस्था के मुताविक एवं नियमानुसार सभी पेमेंट विधिपूर्वक कर दिया गया था। पूर्वी इंफ्रा एंड मार्केटिंग कंपनी टोटल जूठ परोसने के साथ बिल्डर की सहमति से आज भी लोगों को गुमराह कर रही है। आखिर शासन और प्रशासन ऐसे बिल्डरों और मार्केटिंग कंपनियों को क्यों खुला छोड़ रहे है। अब तक तो ये लोग हजारों लोगों को धोखा देने के साथ तगड़ा माल बटोरकर भगाने की तैयारी कर रहे है।
शहर में पूर्वी इंफ्राटेक नाम से यह कंपनी इस तरह की कॉलोनियों को लेकर सब जवाब दिख रही है जिसके झांसे में आकर लोग विश्वास में फ्लैट या मकान खरीदते हुए रजिस्ट्री करवा लेते हैं और फिर जब बिल्डर भाग जाता हैं तो इस तरह की नार्केटिंग कंपनियां भी अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लेती हैं। मल्टी के कर्ताधर्ताओं द्वारा फ्लैट की रजिस्ट्री करने के पूर्व दीपावली (वर्ष 2024) तक फ्लैट का पूर्ण आधिपत्य सौंपने का वादा किया गया था। उक्त रजिस्ट्री 16-10-2024 को की गई है। इस रजिस्ट्री के साथ हमारे और भी कई परिचित लोगों की भी रजिस्ट्री आगे-पीछे दिनांक में हुई थी। कई महीने बीत जाने के बाद भी आज तक हमें हमारे फ्लैट का आधिपत्य बिल्डर कैलाश शर्मा और उसकी संस्था द्वारा रजिस्ट्री करवाने के बाद भी खराब नीयत के चलते नहीं सौंपा गया है। बिल्डर कैलाश शर्मा द्वारा ठगी करते हुए रजिस्ट्री होते ही आधिपत्य देने के झूठे वादे भी किए गए, जबकि आज भी फ्लैट वाले स्थान पर कोई कार्य नहीं हो रहा है। साईनाथ बिल्डर्स एंड डेवलपर्स के कैलाश शर्मा की शिकायत कलेक्टोरेट में भी की गई है। ऐसी भी जानकारी सामने आ रही है कि कुछ सम्बन्धित थानों पर भी शिकायती आवेदन गए है। ऐसे काले कारनामे को लेकर कई बार बिल्डर से इस बारे में शिकायत भी की गई, लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया गया। अब तो बिल्डर भी न तो फोन उठाता है और अगर फोन लग जाता है तो मोबाइल पर आउट आफ कवरेज एरिया ही आता है। ठगी की शिकार हुई शांभवी ललवानी ने कलेक्टर इंदौर की 26-12-2024 की पत्र भी लिखा था और फ्लैट का आधिपत्य दिलवाकर मदद करने का निवेदन भी किया था, परंतु आज तक न तो बिल्डर पर कोई कार्रवाई हुई है और न ही उन्हें फ्लैट मिल सका है। लोगों का मानना है कि जब तक अवैध कालोनाइजरी, ठगौरे बिल्डरों के साथ ही साथ जिम्मेदार अफसरों और कर्मचारियों पर कार्रवाई नहीं होगी, तब तक लोग इसी तरह लुटते रहेंगे और न्याय के लिए ठोकरें खाते रहेंगे।
मुख्यमंत्री से संबंध बताने वाले बिल्डर रच रहे साजिश
इतना बड़ा मामला सामने आने के बाद भी कोई एक्शन नहीं होना। इस बात को दशार्ता है कि कोई ना कोई सांठ गांठ तो है जो आम जनता की शिकायत के बाद भी कार्यवाही अधर में लटकी हुई है। ऐसे बिल्डर अपना दबाव प्रभाव बनाने के लिए मुख्यमंत्री मोहन यादव के नजदीक होने के साथ कई अधिकारियों से भी अपने सम्बन्ध बताने में पीछे नहीं हट रहे है। इधर पुलिस ने भी इतने गंभीर मामले में अपनी तक कोई निर्णय नहीं लिया है।