आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के नाम से आया था बदमाश का कॉल लिंक क्लिक करते ही गर्भवती महिलाओं के खातों से निकले रूपये

उज्जैन। अब तक बदमाशों द्वारा लोगों को बैंक अधिकारी, आर्मी अफसर और पुलिस के साथ क्राइम ब्रांच अधिकारी बनकर ठगा जा रहा था, लेकिन अब  आंगनवाड़ी कार्यकर्ता बनकर गर्भवती महिलाओं के साथ आॅनलाइन ठगी का मामला सामने आया है। शनिवार को ठगी का शिकार हुई कई गर्भवती महिलाएं पुलिस कंट्रोल रूम पहुंची थी।
वार्ड क्रमांक 52 नागझिरी क्षेत्र की रहने वाली कई गर्भवती महिलाएं आंगनवाड़ी कार्यकर्ता अध्यक्ष उम्मीद तोमर के साथ पुलिस कंट्रोलरूम पहुंची थी। उन्होने अधिकारियों को शिकायत करते हुए बताया कि 2 दिन में उनके साथ आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के नाम से कॉल आ रहे है। कॉल करने वाले ने खुद को पोषण योजना का अधिकारी बताकर खाते में डिलेवरी की राशि 6 हजार डालने को बोलकर लिंक भेजी और राशि चेक करने को कहा। उन्होने जैसे ही लिंक को क्लिक किया, उसके खातों से राशि निकाल ली गई। गर्भवती दीपा सौराष्ठी ने बताया कि उसके खाते से पहले 4 हजार रूपये निकाले गये। दोबारा कॉल किया तो कहा गया कि पास कोड डाल दो राशि वापस आ जायेगी, लेकिन भेजा गया पासकोड लिंक पर डालने के बाद खाते से 5 हजार 500 रूपये और निकाल लिये गये। वहीं फरजाना पति आसिफ ने बताया कि उसके खाते से 22 हजार रूपये निकाले गये है। सलोनी पति उदय जाधव के खाते से 4 हजार और तस्लीम बी पति अरबाज के खाते से 950 रूपये निकाले गये थे। कुछ और गर्भवती महिलाओं ने बताया कि उनके खाते से भी रूपये निकाल लिये गये है। अधिकारियों ने मामले की शिकायत सायबर सेल के साथ नागझिरी थाना पुलिस को दर्ज कराने की बात कहीं। महिलाएं नागझिरी थाने पहुंची। जहां आॅनलाइन ठगी के मामले में आवेदन दिया गया है। थाना प्रभारी कमल निगवाल ने बताया कि मामले की जांच शुरू की गई है। जिस 2 नम्बर से कॉल आया था, उसका पता लगाया जा रहा है।
चार दिन पहले मिला था पोषण आहार
गर्भवती महिलाओं ने बताया कि वार्ड क्रमांक 54 आंगनवाड़ी केन्द्र से चार दिन पहले उन्हे पोषण आहार मिला था। केन्द्र की कार्यकर्ता ज्योति जायसवाल ने उन्हे पोषण आहार वितरण किया था। वितरण प्रक्रिया के दौरान आॅनलाइन एप एफआरएस के माध्यम से फोटो लिये गये थे। जिसके बाद मोबाइल पर ओटीपी आया था। उसी के बाद पोषण आहार दिया गया था। यह प्रक्रिया सभी गर्भवती महिलाओं के साथ हुई थी। उसके 2 बाद डिलेवरी राशि खाते में आने का कॉल आया। जिस तरह से गर्भवती महिलाओं के साथ आॅनलाइन ठगी हुई उससे अब  सवाल खड़ा हो गया है कि शासन की योजना में गर्भवती महिलाओं को मिलने वाले पोषण आहार की जानकारी बदमाशों तक कैसे पहुंची। जबकि यह प्रक्रिया पूरी तरह से शासन द्वारा संचालित किये जा रहे आंगनवाड़ी केन्द्र के पास रहती है।
अधिकारी बोले सर्तक रहे
महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला अधिकारी साबिर अहमद सिद्दीकी ने बताया कि कार्यकर्ता द्वारा टेक होम राशन के लिए फेस रिडिंग की जाती हैं। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के नाम पर किसी भी प्रकार का कोई पैसा सरकार नहीं देती। इसलिए सभी हितग्राही सतर्क रहे। हमारे द्वारा सभी कार्यकतार्ओं को सूचना भी दी गई हैं। ताकि आगे से किसी गर्भवती महिला के साथ इस प्रकार की धोखाधड़ी नहीं हो।

Author: Dainik Awantika

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