दैनिक अवंतिका उज्जैन।
भीषण गर्मी में भगवान महाकाल को ठंडक के लिए रविवार से गर्भगृह के अंदर मिट्टी की 11 मटकियां लगाई गई। इन मटकियों से भगवान महाकाल के शिवलिंग पर दिनभर जल की धाराए प्रवाहमान होती रहेगी।
महाकाल मंदिर के पुजारी आशीष गुरु ने बताया कि मंदिर में परंपरा अनुसार वैशाख मास शुरू होते ही ये मटकियां लगाई जाती है। रविवार की सुबह शिवलिंग के ऊपर पूजन-अर्चन के पश्चात मटकियां लगाकर जल धाराए प्रवाहमान की शुरुआत की गई। अब यह मटकियां प्रतिदिन सुबह भस्मारती के बाद से शाम को संध्या पूजन होने तक लगाई जाएगी। 11 जून तक भगवान महाकाल पर 11 मिट्टी की मटकियों से सतत जलधारा बहेगी।
नदियों के नाम पर लगाई मटकियां
मटकियों पर गंगा, यमुना, सिंधु, सरस्वती, नर्मदा, गोदावरी, कावेरी, सरयु, शिप्रा, गण्डकी आदि नदियों के नाम लिखे गए। वैशाख कृष्ण की प्रतिपदा से ज्येष्ठ शुक्ल की पूर्णिमा तक इन मटकियों से नदियों के जल समान जलधाराए भगवान महाकाल को गर्मी के दिनों में शितलता प्रदान करेगी। 11 मटकियों से रक्षा सूत्र के माध्यम से एक-एक बूंद गिरती रहेगी।