भूमाफिया के लिए बदनाम हो चुके इंदौर शहर में एक बार फिर बड़ा रियल एस्टेट घोटाला सामने आया है। Poorvi Infratech and Marketing और साईं नाथ बिल्डर्स एंड डेवलपर्स द्वारा एक ही प्लॉट की दो-दो रजिस्ट्री कर, रेरा और पुलिस दोनों को गुमराह कर आम लोगों को करोड़ों की ठगी का शिकार बनाया गया है।
मामला अरविंदो अस्पताल के पास शुरू किए गए एक मल्टी प्रोजेक्ट से जुड़ा है, जिसे लॉकडाउन से पहले शुरू किया गया था। इस प्रोजेक्ट के संचालक कैलाश शर्मा ने बिना रेरा अप्रूवल के फ्लैट्स की बिक्री शुरू कर दी थी। ग्राहकों को यह कहकर गुमराह किया गया कि प्रोजेक्ट पूरी तरह वैध और रेरा से स्वीकृत है, जबकि सच्चाई इसके बिल्कुल विपरीत थी।
*=डबल रजिस्ट्री और फर्जीवाड़ा:
सूत्रों के अनुसार, बिल्डर ने न केवल एक ही फ्लैट को दो-दो लोगों को बेचा, बल्कि अपनी कॉलोनी में प्लॉट्स की डबल और ट्रिपल रजिस्ट्री भी कर डाली। इससे कई लोग एक ही संपत्ति के कानूनी मालिक होने का दावा कर रहे हैं। यह पूरा घोटाला सुनियोजित ढंग से बिल्डर और उसकी मार्केटिंग टीम द्वारा अंजाम दिया गया।
पुलिस में सैकड़ों शिकायतें, कार्रवाई शुरू:
बाणगंगा थाने में अब तक इस मामले को लेकर सैकड़ों शिकायतें दर्ज हो चुकी हैं। पुलिस अब सक्रिय हो चुकी है और रजिस्ट्रार कार्यालय से डबल रजिस्ट्री की जानकारी मंगवाई जा रही है। जांच अधिकारी श्री कौशल के अनुसार, “हम प्रत्येक शिकायत को गंभीरता से ले रहे हैं। रजिस्ट्रार को पत्र भेजकर दस्तावेज़ मंगवाए गए हैं और बिल्डर के बयान भी लिए जा चुके हैं। जल्द ही ठोस कार्रवाई की जाएगी।”
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दैनिक अवंतिका की विशेष नजर:
दैनिक अवंतिका लगातार इस पूरे मामले पर नज़र बनाए हुए है और आम जनता की आवाज़ को प्रशासन तक पहुंचा रहा है। यह केवल एक फ्रॉड नहीं, बल्कि इंदौर के आम नागरिकों के साथ हुआ विश्वासघात है। सवाल यह है कि जब रेरा जैसे नियामक मौजूद हैं, तब भी ऐसी घटनाएं कैसे हो रही हैं?