देश में बढ़ते चाइल्ड ट्रैफिकिंग मामलों को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा है कि राज्य सरकारों को नवजात शिशुओं की चोरी से जुड़े मामलों पर तत्काल और सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिया कि यदि किसी अस्पताल से नवजात की चोरी होती है, तो सबसे पहले उस अस्पताल का लाइसेंस रद्द कर दिया जाए। यह कदम अस्पताल प्रशासन की जवाबदेही तय करने और इस गंभीर अपराध को रोकने के उद्देश्य से जरूरी बताया गया।
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि अस्पतालों में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया जाए और नवजात शिशुओं की पहचान, निगरानी और सुरक्षा को लेकर तकनीकी उपाय अपनाए जाएं।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह फैसला न सिर्फ अपराधियों के मन में डर पैदा करेगा, बल्कि अस्पताल प्रबंधन को भी अधिक सतर्क और जिम्मेदार बनाएगा।