शहर में  एक दिन छोड़ एक दिन जलप्रदाय की व्यवस्था लागू उज्जैन में नई व्यवस्था में पहले ही दिन कमजोर जल प्रदाय -दक्षिण क्षेत्र की 19 टंकियों से होना था पर्याप्त दबाव से जलप्रदाय,टंकियां ही नहीं भर पाई

उज्जैन। शहर में एक दिन छोडकर एक दिन जलप्रदाय की व्यवस्था मंगलवार से लागू कर दी गई। पहले दिन शहर के दक्षिण क्षेत्र में जलप्रदाय कमजोर रहा है। दक्षिण क्षेत्र की कई आवासीय कालोनी में सुबह नल से पानी ही पर्याप्त रूप से नहीं मिला,जिन क्षेत्रों में मिला वहां कम दबाव से नल चले हैं। कार्यपालन यंत्री केदार खत्री के अनुसार ट्रांसफार्मर के कारण ऐसा हुआ । 19 में से मात्र 2 टंकियां ही खाली रह गई थी।नगर निगम ने गंभीर डेम में मात्र 70 दिन सप्लाय के पानी की स्थिति को देखते हुए महापौर मुकेश टटवाल ने एक दिन छोडकर एक दिन जलप्रदाय के लिए आदेश जारी किए थे। 6 दिन पूर्व महापौर ने डेम का निरीक्षण करने के बाद यह निर्णय लिया था और अधिकारियों को नई व्यवस्था के लिए सुदृढ तैयारी करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद भी मंगलवार को नई व्यवस्था के पहले दिन उज्जैन दक्षिण क्षेत्र में सुबह 5.30 बजे से 6.30 बजे एक घंटे पूरे दबाव के साथ जल प्रदाय किया जाना था लेकिन सुबह जल्दी उठने के बाद भी नल से काफी इंतजार के बाद भी पानी नहीं मिल सका। पीएचई के कंट्रोल रूम पर नागरिकों को कोई जवाब नहीं मिल सका। नई व्यवस्था के तहत टंकी वार नगर निगम प्रशासन के अधिकारियों के साथ ही पीएचई के अधिकारियों की जलप्रदाय समय के दौरान डयूटी लगाई गई थी लेकिन अधिकांश क्षेत्रों में टंकियों से संबंधित जिम्मेदार नहीं पहुंचे थे। इसके चलते करीब तीन दर्जन से अधिक कालोनियों में जल प्रदाय व्यवस्था पूरी तरह से कमजोर रही है। पीएचई के कार्यपालन यंत्री केदार खत्री के अनुसार गंभीर पर सुबह के समय ट्रांसफार्मर के बार-बार ट्रीप होने के कारण ऐसी स्थिति बनी । वर्षों से ट्रांसफार्मर का संधारण नहीं हुआ था। दक्षिण क्षेत्र में हमारी कुल 19 पेयजल प्रदाय करने वाली टंकियों में से मात्र 2 टंकियां पर्याप्त रूप से नहीं भर सकी थी जिसके कारण संबंधित क्षेत्र प्रभावित रहे हैं। उन क्षेत्रों में टैंकर से पानी भेजने के निर्देश संबंधितों को दिए थे। जल प्रदाय में रही इस कमजोरी की वजह से दक्षिण क्षेत्र के निवासियों को अब सीधे 48 घंटे बाद ही नल से जल मिल सकेगा।हैंडपंप एवं टयूबवेल का संधारण नहीं-एक दिन छोड एक दिन जलप्रदाय की व्यवस्था नगर निगम ने लागू कर दी है लेकिन उसके साथ ही क्षेत्रीय स्तर पर हैंडपंप एवं टयूबवेल का संधारण पर्याप्त तौर पर किया जाना था जो नहीं के बराबर किया गया है। ऋषिनगर जैसी बडी आवासीय कालोनी में करीब आधा दर्जन हैंडपंप एवं टयूबवेल संधारण की राह में नहीं चल रहे हैं। क्षेत्रीय स्तर पर लोग अपने नलकूपों से पानी देकर मदद कर रहे हैं।तीन दर्जन से अधिक कालोनी प्रभावित-इधर सामने आ रहा है कि ऋषिनगर सहित कुल आधा दर्जन से अधिक टंकियां नहीं भर पाई थी जिसके चलते एक बडा आवासीय क्षेत्र के रूप में प्रारंभिक स्तर पर ही तीन दर्जन से अधिक कालोनियां जलप्रदाय की समस्या से प्रभावित रही हैं। इन क्षेत्रों में करीब बीस हजार से अधिक उपभोक्ता बताए जा रहे हैं। इनमें से अधिकांश कालोनी सेवानिवृत्त लोगों से भरी पडी है। खास बात तो यह है कि इन क्षेत्रों से पीएचई को निरंतर राजस्व की प्राप्ति हो रही है। उसके बावजूद इन्ही क्षेत्रों के उपभोक्ता पानी के लिए परेशान हो रहे हैं।ये है नई व्यवस्था-नई व्यवस्था के तहत शहर के दक्षिण क्षेत्र में मंगलवार को जलप्रदाय किया जाना था जिसके तहत प्रात: 5.30 से 6.30 बजे तक एक घंटे निर्बाध रूप से पूर्ण क्षमता से जलप्रदाय किया जाना था। इस दिन शहर के उत्तर क्षेत्र में जलप्रदाय नहीं किया गया । इसी प्रकार बुधवार 16 अप्रैल 2025 को उत्तर क्षेत्र में प्रातः 7:30 से 8:30 बजे तक जल प्रदाय किया जाएगा । इस दिन दक्षिण क्षेत्र में जलप्रदाय नहीं होगा।6 जोन में कर्मचारियों अधिकारियों की डयूटी लगाई-शहर की जलप्रदाय  के सुचारू एवं समुचित व्यवस्था के लिए एक दिन छोडकर जलप्रदाय की गई है। नई व्यवस्था के सुचारू संचालन संधारण के लिए  नगर निगम आयुक्त ने जोन वार  नगर निगम के प्रशासनिक अधिकारियों के साथ पीएचई के सहायक यंत्री एवं उपयंत्रियों की डयूटी लगाई गई है। इसके तहत जोन 1 में उपायुक्त मनोज मौर्य के साथ 6 यंत्रियों को जिम्मेदारी सौंपी है। जोन 2 में उपायुक्त योगेन्द्र पटेल के साथ 6 यंत्रियों को लगाया गया है इसी प्रकार जोन 5 में इनके साथ कार्यपालन यंत्री केदार खत्री सहित 6 यंत्रियों को लगाया गया है। जोन 3 में उपायुक्त संजेश गुप्ता के साथ 5 यंत्रियों को लगाया गया है।जोन 4 में उपायुक्त आरती खेडेकर के साथ 5 यंत्रियों को जिम्मेदारी दी गई है। जोन 6 में उपायुक्त कृतिका भीमावद के साथ कार्यपालन यंत्री केदार खत्री सहित 4 यंत्रियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है।

 

Author: Dainik Awantika

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