दैनिक अवंतिका उज्जैन। महाकाल मंदिर प्रबंध समिति को अब मंदिर में किसी भी व्यक्ति की नई नियुक्ति करने से पहले पुलिस से उसका वेरिफिकेशन कराना अनिवार्य होगा। क्योंकि हाल ही के दिनों में वीआईपी दर्शन से लेकर भस्मारती अनुमति के नाम पर श्रद्धालुओं से रुपए वसूली के मामलों में अब तक जितने भी लोग पकड़ाए उनमे ज्यादातर मंदिर समिति से जुड़े लोग शामिल है। इसे लेकर उज्जैन एसपी प्रदीप शर्मा ने मंदिर प्रबंध समिति को एक पत्र लिखा है जिसमें कहा गया है कि समिति अब किसी भी व्यक्ति को मंदिर में रखती है तो पहले उसका पुलिस से नियम अनुसार वेरिफिकेशन कराना अनिवार्य रहेगा। समिति के प्रशासक के नाम यह पत्र लिखा गया है। मंदिर में नौकरी से पहले से पहले का रिकॉर्ड चेक हो जाएगाइसके पीछे कारण यह है कि पुलिस से वेरिफिकेशन होने पर संबंधित व्यक्ति का रिकॉर्ड चेक किया जा सकेगा। इससे पता चल जाएगा कि व्यक्ति ने पूर्व में कोई अपराध आदि तो नहीं किए है। उल्लेखनीय है कि मंदिर प्रबंध समिति ने पूर्व में जितने भी लोग रखे या नियुक्ति की है उनके किसी के भी पुलिस वेरिफिकेशन नहीं कराए गए थे। उनके पकड़ाने के बाद पुलिस को अब पता चल रहा है कि संबंधित व्यक्ति तो पूर्व से ही गड़बड़ था। अब तक 14 लोगों के खिलाफ पुलिस एफआईआर दर्ज महाकाल मंदिर में बीते दिनों से लेकर अब तक दर्शन और भस्म आरती के नाम पर श्रद्धालुओं के साथ ठगी करने व अवैध वसूली करने के मामले में 14 लोगों पर एफआईआर दर्ज कर चुकी है। जिसमें मंदिर प्रबंध समिति के कर्मचारियों से लेकर निजी सुरक्षा एजेंसी के गार्ड शामिल है। साथ ही भस्म आरती बुकिंग के नाम पर भी कई लोगों पर एफआरआई दर्ज हुई है। जिसमें मंदिर की आउटसोर्स कम्पनी के कर्मचारी के नाम सामने आए।