एक ही फ्लैट को कई बार बेचकर जनता को करोड़ों का चूना लगाने वाला नेटवर्क बेखौफ!
इंदौर, अप्रैल 2025 — इंदौर शहर में एक संगठित रियल एस्टेट फ्रॉड का पर्दाफाश हुआ है, जिसमें पूर्वी इन्फ्राटेक की संचालिका कविता महाजन और साईनाथ बिल्डर कैलाश शर्मा पर एक ही फ्लैट को कई बार बेचकर करोड़ों की ठगी करने का आरोप लगा है।
इन शातिर ठगों का तरीका किसी फिल्मी स्क्रिप्ट से कम नहीं — निर्माणाधीन या अवैध मल्टियों को वैध बताकर लोगों को फ्लैटों का सपना दिखाते हैं, और फिर उसी फ्लैट को बार-बार बेच देते हैं।
पीड़ितों की कहानी: सपनों का घर बना धोखे का अड्डा
पीड़ित ग्राहक अमित श्रीवास्तव ने बताया,
“जनवरी 2024 में मैंने दिव्य बिहार माउंट एंड व्यू प्रोजेक्ट में फ्लैट नंबर 509 खरीदा था। रजिस्ट्री के कागज मिले, लेकिन कुछ दिन पहले पता चला कि वही फ्लैट पहले ही पूनम अजमेरा के नाम पर रजिस्टर्ड है।”
जब श्रीवास्तव ने बिल्डर कैलाश शर्मा से संपर्क किया, तो उन्हें सिर्फ झूठे आश्वासन दिए गए। थाने में शिकायत करने के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हुई।
गुंडागर्दी से दबाया जा रहा है मामला
शिकायतकर्ता बताते हैं कि जब वे पैसा वापस मांगते हैं या कब्जे की बात करते हैं, तो इन बिल्डर्स के दलाल महिलाओं और बुजुर्गों को अपशब्द कहकर धमकाते हैं।
इस पूरे मामले में न तो पुलिस सक्रिय है, और न ही प्रशासन ने अब तक कोई सख्त कदम उठाया है।
बड़ा सवाल: क्या रियल एस्टेट माफिया को खुली छूट है?
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क्या इंदौर जैसे स्मार्ट सिटी में अब रजिस्ट्री भी सुरक्षित नहीं रही?
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एक ही फ्लैट को दो-दो लोगों के नाम कैसे रजिस्टर्ड किया गया?
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पुलिस और प्रशासन की चुप्पी क्या मिलीभगत का संकेत है?