नरवाई जलाने पर लगें प्रतिबंध को लेकर कार्रवाई के लिए सभी ने अपने क्षेत्र में किया निरीक्षण
इंदौर। खेतों से उठने वाली नरवाई जलाने की लपट और धूआ को लेकर समाचार सामने आने पर कलेक्टर के कड़े रुख के चलते कल सुबह से लेकर रात तक अधिकारी पटवारी के साथ निरीक्षण करते रहे।
अर्थदंड के बाद कार्रवाई का मन बना चुके अधिकारियों को पूरे दिन में कहीं भी न तो आग नजर आई और ना ही धूआ उठता दिखा।
खेतों में नरवाई जलाने को लेकर लगाएं गए प्रतिबंध के बाद भी पिछले दिनों किसानों ने हर साल की तरह खुलें आम सुबह सुबह या देर शाम से रात तक खेतों में गेहूं के अवशेष में आग लगाई। नरवाई जलाने से सामने आई धुंआ उठने, प्रदुषण फैलने और आगजनी की घटनाओं को लेकर समाचार के माध्यम से प्रशासन के जिम्मेदारों की लापरवाही उजागर की गई।
कलेक्टर आशीष सिंह ने नरवाई जलाने पर प्रतिबंध लगाने के आदेश जारी किए उस पर कृषि, पर्यावरण, राजस्व विभाग और अन्य विभागों ने समय रहते कार्रवाई करने की बजाए हर साल की तरह कागजी खानापूर्ति कर समझाइश देने का दिखावा किया। लगातार सामने आई घटनाओं को देखते हुए कलेक्टर ने प्रतिबंधात्मक आदेश जारी कर सभी अधिकारियों को सख्ती से कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर के निर्देश के बाद कल सुबह से एसडीएम और तहसीलदार, पटवारी के साथ गांव गांव में परीक्षण के लिए निकले। सुबह से लेकर रात तक सभी विभाग के संयुक्त दल ने निरीक्षण किया किंतु उन्हें खेत में सिर्फ जली नरवाई के अवशेष ही नजर आएं। दल को खेतों में लगाई गई आग, उठती लपटें और धूंआ नजर नहीं आया।
अधिकारियों का इस समय एक ही लक्ष्य नजर आ रहा है कि कहीं भी खेत में लगी आग नजर आएं और वह संबंधित किसानों पर आदेश की अवहेलना को लेकर पुलिस थाना में प्राथमिकी दर्ज कराएं।
सभी तहसीलों के जिम्मेदार इस कार्य की शुरुआत अपने क्षेत्र से करने का प्रयास कर रहे हैं। उक्त अवशेष को आधार बनाकर अर्थदंड की कार्रवाई की जा रही है।