उज्जैन। लापता हुई महिला के मिलने पर उसके साथ अनैतिक काम होना सामने आया था। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था लेकिन अनैतिक काम में सहयोग करने वाला 2 माह से फरार चल रहा था। गुरूवार को पुलिस ने उसे भी गिरफ्तार कर लिया। जिसे कोर्ट में पेश कर जेल भेजा गया है।
फरवरी माह में मालीपुरा की रहने वाली विवाहित महिला लापता हो गई थी। देवासगेट पुलिस ने गुमशुदगी का मामला दर्ज किया था और कुछ दिन बाद महिला को इंगोरिया क्षेत्र के ग्राम कोठड़ी से दस्तयाब कर लिया था। महिला के बयान में उसनके साथ संतोष डाबी द्वारा ग्राम मंतागना में रिश्तेदार के यहां ले जाकर अनैतिक काम करना सामने आया था। पुलिस ने संतोष को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था, वहीं अनैतिक काम में सहयोग करने पर मुकेश पिता बगदीराम कलोसिया को भी आरोपी बनाया लिया था। जिसकी 2 माह से तलाश जारी थी। एसआई पुरूषोत्तम गौतम ने बताया कि गुरूवार को मतागंना में रहने वाला मुकेश भी पुलिस की गिरफ्त में आ गया। जिसे कोर्ट में पेश कर जेल भेजा गया है। मुख्य आरोपी संतोष पहले से जेल में है, वह महिला के पडोस में रहने वाले अपने रिश्तेदार के यहां आता जाता था, उसी दौरन बहला-फुसला कर महिला को अपने साथ ले गया था
सोशल मीडिया पर एआई जनरेटेड घिबली इमेज काफी तेजी से ट्रेंड कर रहा है। गुरूवार को जापानी एमीमेशन आर्ट शैली घिबली को लेकर उज्जैन पुलिस ने अलर्ट जारी किया है। एक गलती आपका बैंक खाता खाली कर सकती है।
एसपी प्रदीप शर्मा ने बताया कि सोशल मीडिया पर घिबली इमेज लोगों काफी पसंद कर रहे है। ट्रेंड इस कदर छाया हुआ है कि हर कोई अपनी फोटो को घिबली इमेज में बदल रहा है। इंटरनेट पर अलग-अलग वेबसाइट से आर्ट सर्च किया जा रहा है। जो लोगों के लिये खतरनाक साबित हो सकती है। लगातार बढ़ते ट्रेंड को देखते हुए लाभ उठाने के लिये सायबर अपराधी सक्रिय हो जाते है और फर्जी ऐप्प, बेवसाइट और एपीके फाइल तैयार कर सोशल मीडिया के माध्यम से लोगे तक पहुंच जाते है। अपने और परिवार की फोटो को घिबली स्टाइल में बदलने वाले अब सावधान हो जाये। कोई भी एप डाउनलोड करने से पहले उसकी सुरक्षा, रिव्यू और सोर्स की जांच करे। व्हाटसएप, टेलीग्राम के माध्यम से मिलने वाली एपीके फाइलों को डाउनलोड ना करें। एआई इमेज जेनरेटर एप्स की अधिकारिक वेबसाइड या वेरिफाइड ऐप स्टोर से ही डाउनलोड करें। किसी भी अनवेरिफाइड लिंक पर क्लिक ना करे जो घिबली इमेज जनरेशन या संबंधित सेवा का दावा करती है। एक गलती आपका अकाउंट खाली कर सकती है। एसपी शर्मा ने आम लोगों को अलर्ट करते हुए अपील की है कि किसी भी तकनीक सेवा या ऐप की पहले प्रमाणिकता जांच अवश्य करें। किसी प्रकार की सायबर धोखाधड़ी की स्थिति में तुरंत नजदीकी पुलिस थाने में संपर्क करें या फिर सायबर हेल्पलाइन नम्बर 1930 पर शिकायत दर्ज कराये