गांधीसागर में कल आएंगे कूनो से 2 चीता, मुख्यमंत्री छोडेंगे

नीमच जिले के खिमला में छोडेÞ जाएंगे दोनों नर चीता, प्रारंभिक रूप से 15 वर्ग किमी में रहेंगे
दैनिक अवन्तिका उज्जैन

अंतत: उज्जैन संभाग के मंदसौर-नीमच जिला अंतर्गत गांधीसागर वन अभ्यारण्य में चीता लाने का रास्ता साफ हो गया है। 20 अप्रेल को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव खिमला ब्लॉक के लिए प्रस्थान कर खिमला में चीता प्रोजेक्ट के तहत निर्मित गांधी सागर अभ्यारण अभ्यारण के बाड़े में चीते छोड़कर गांधी सागर अभ्यारण प्रोजेक्ट का शुभारंभ करेंगे। यहां कूनो राष्ट्रीय पार्क से लाए गए 2 नर चीता छोड़े जाएंगे। प्रारंभिक रूप से इन्हें 15.4 वर्ग किलोमीटर के बाडेÞ में रखा जाएगा।

अब उज्जैन संभाग के देवास खिवनी अभ्यारण्य में 10 बाद्य के साथ ही अब वन्य जीव चीता से भी आच्छादित होने वाला है। पिछले डेढ़ वर्ष से गांधीसागर में चीता लाने की तैयारी को अब अंतिम विराम मिल गया है। पहली बार में यहां कूनो में पैदा हुए दो नर चीता को छोड़ा जाएगा। यहां चीतों के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। इसके तहत अभ्यारण्य के मंदसौर-नीमच जिला अंतर्गत कुल 368.62 वर्ग किलोमीटर के एक और 64 वर्ग किलोमीटर का बाड़ा बनाया गया है। इस बाडेÞ के तहत करीब 28 किलोमीटर क्षेत्र में अत्याधुनिक फेंस लगाई गई हैं। 10 फीट की इस काम्बिनेशन फेंस में 8 फीट मेटल जाली है और शेष उपर के 2 फीट क्षेत्र में इलेक्ट्रीकल आपसेट लगाए गए हैं।

ये पूरी तरह से सोलर सिस्टम से संचालित हैं। 28 किलोमीटर की फेंस के दूसरी और चंबल के गांधी सागर के बेक वाटर की बागड़ है। डीएफओ मंदसौर संजय रायखेरे बताते हैं कि चीता लाने की सभी तैयारी हो चुकी है। अभ्यारण्य में प्रारंभिक रूप से उन्हें छोटे बाडे में रखा जाएगा। यह बाडा 15.4 किलोमीटर क्षेत्र का है। अभ्यारण्य में चीता के भोजन के लिए कान्हा राष्ट्रीय पार्क से 207 चीतल लाकर छोड़े गए हैं। इसके अलावा यहां स्थानीय चींकारा की बडी संख्या में हैं। अन्य जीवों के साथ जंगली सुअर भी हैं। 15.4 किलोमीटर के बाडे में चीता को सभी प्रकार के जानवरों का शिकार करने को मिलेगा और यह प्राकृतिक स्थितियों से भरपूर है। शुभारंभ कार्यक्रम के लिए खिमला में चीता प्रोजेक्ट के बाड़े के मुख्य द्वार के सामने हेलीपैड निर्माण, बाड़े में बैरिकेडिंग्स, वायर फेंसिंग, सुरक्षा व्यवस्था एवं मंच निर्माण, चीते छोड़ने के कार्यक्रम की तैयारियां अंतिम चरण में हैं।

Author: Dainik Awantika

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