इंदौर – ओरिएंटल यूनिवर्सिटी के पास स्थित विवादित माउंटेन व्यू मल्टी में फ्लैट बेचने के नाम पर ठगी का जाल फैलता जा रहा है। पहले मार्केटिंग कंपनी पूर्वी इंफ्राटेक की कविता महाजन पर उंगलियां उठीं, और अब राकेश राठौर व हिमांशु पाटीदार जैसे सक्रिय दलालों के नाम भी सामने आ रहे हैं। हैरान करने वाली बात यह है कि इस पूरे खेल में एयू बैंक की भूमिका पर भी गंभीर सवाल उठ रहे हैं।
किस्तें भरते रहे, फ्लैट किसी और का निकला!
वर्मा दंपति का कहना है कि उन्होंने डेढ़ साल पहले एयू बैंक से लोन लेकर फ्लैट क्रमांक 313 खरीदा था और लगातार किश्तें भर रहे थे। बाद में पता चला कि यह फ्लैट पहले ही किसी और को बेचा जा चुका था। जब शिकायत की गई, तो बैंक अधिकारियों ने साफ कह दिया – “किश्तें भरते रहो, नहीं तो क्रेडिट स्कोर खराब हो जाएगा।”
दलालों की दबंगई: सौदा कराया, अब गालियां दे रहे
दलाल राकेश राठौर और उसके सहयोगी हिमांशु पाटीदार पर आरोप है कि इन्होंने खुद को मालिक बताकर फ्लैट का सौदा कराया। रजिस्ट्रेशन के समय जब असली मालिक कैलाश शर्मा का नाम सामने आया, तब तक राकेश ने ऊपर से पैसे खींच लिए थे। अब जब मामला खुला, तो ये दलाल गालियां देने और धमकाने लगे हैं – “जो करना है कर लो, पैसे नहीं मिलेंगे!”
बैंक भी लिप्त? एयू बैंक ने दिए विवादित फ्लैट पर लोन
एयू बैंक, विजय नगर शाखा ने इस विवादित मल्टी के फ्लैट्स पर लोन दिया, जबकि पहले से विवादित रजिस्ट्रियां दर्ज थीं। अब जब खरीदारों ने सवाल उठाए, तो बैंक अधिकारी अनूप शर्मा ने जवाब दिया – “किश्त भरो वरना क्रेडिट स्कोर डाउन हो जाएगा।”
साठगांठ का जाल: बिल्डर से लेकर बैंक तक
इस पूरे मामले में साइन नाथ बिल्डर का कैलाश शर्मा, कविता महाजन की पूर्वी इंफ्राटेक और कई दलाल एक टीम की तरह काम कर रहे हैं। ये लोग फ्लैट्स बेच रहे हैं, लोन दिलवा रहे हैं, और जब मामला फंसता है तो एक-दूसरे पर आरोप मढ़ देते हैं।