कविता महाजन के बाद और दलालों के नाम सामने आए, डेढ़ साल से उस फ्लैट की किश्तें भर रहे जिसका मालिक कोई और…

 

 

बैंक वाले कहते है किश्तें भरते रहो तुम्हारा क्रेडिट खराब हो जाएगा

इंदौर। ओरिएंटल यूनिवर्सिटी के पास स्थित विवादित मल्टी माउंटेन व्यू बनने के पहले ही विवादों में आ गई है। साइन नाथ बिल्डर के कैलाश शर्मा और मार्केटिंग कंपनी की ठगोरन कविता महाजन के बाद और सक्रिय दलालों और बैंक के नाम सामने आए है जो इस अवैध धंधे में शामिल है।

वर्मा दम्पत्ति बताते हैं कि हमने इस मल्टी में डेढ़ साल पूर्व एयू बैंक से लोन लेकर फ्लैट क्रमांक 313 की रजिस्ट्री कराई थी। डेढ़ साल तक किस्त भरने के बाद पता चला कि यह फ्लैट पूर्व में ही किसी और को बेचा जा चुका है। इसकी कंप्लेंट हमने बाणगंगा थाने में भी की है लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ।

दलाल ने मालिक बन के लिखा पढ़ी कर दी अब देता है गालियां
दलाल राकेश राठौर और सहयोगी हिमांशु पाटीदार ने हमें फ्लैट दिखाएं और राकेश राठौर ने सौदा चिट्ठी बना दी। रजिस्ट्री के दौरान पता चला की बिल्डर कैलाश शर्मा के हैं राकेश राठौर ने खुद ही सौदा चिट्ठी बनाकर ऊपर पैसे रख लिए। जब पता चला यह फ्लैट पूर्व में बेचा जा चुका है और साल भर बीत जाने के बाद भी आधिपत्य नहीं मिला तब हमने पुलिस को शिकायत की। अब राकेश राठौर और हिमांशु पाटीदार हमें गालियां देते हैं और कहते हैं जो बने उखाड़ लो पैसा नहीं मिलने वाला।

एयू बैंक दे रहा विवादित मल्टी पर लोन
विवादित मल्टी में पूर्वी इंफ्राटेक की कविता महाजन के बाद दलाल राकेश राठौर और हिमांशु पाटीदार के नाम सामने आये है जो मालिक बनकर इस विवादित मल्टी के फ्लैट बेच रहे है। एयू बैंक विजय नगर शाखा इस विवादित मल्टी के फ्लैट खरीदने के लिए लोन भी दे रही है। जब वर्मा दंपति ने एयू बैंक में शिकायत दर्ज कराई कि आपने जिस फ्लैट का लोन हमें दिलाया वह तो पूर्व से ही किसी और का है। उस पर एयू बैंक के क्रेडिट मैनेजर अनूप शर्मा का कहना है किश्त भरते रहो वरना आपका क्रेडिट स्कोर खराब हो जाएगा।

 

दलालों और कैलाश शर्मा की साठ-गांठ
विवादित मल्टी के फ्लैट कैलाश शर्मा कविता महाजन की मार्केटिंग कंपनी पूर्वी इंफ्राटेक और अन्य दलाल मिलकर बेच रहे है और बैंक से लोन भी दिलवा रहे है मामले का गड़बड़ घोटाला सामने आने पर ये अनजान बन रहे है और एक दूसरे पर आरोप लगा रहे है। यह इन बदमाश कंपनी की मिली भगत से हो रहा है और बाद में यह अनजान बन रहे है।

Author: Dainik Awantika

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