ब्रह्मास्त्र पं. राहुल शुक्ल
वैशाख कृष्ण दशमी (23अप्रैल) से परंपरागत पंचक्रोशी यात्रा शुरू होनेवाली है। प्रशासन इसकी जोरदार तैयारी मे व्यस्त है किन्तु इस धार्मिक यात्रा की विशेषता जो सभी को आकर्षित करती है वह है सीधे सरल श्रद्धालु जो किसी सुविधा की दरकार नही रखते। ये भोले भाले यात्री न तो किसी सुविधा या वस्तु की डिमांड करते हैं और न ही कमियों को लेकर कोई शिकायत। पंचक्रोशी यात्रा मे छुपे हुए इस दर्शन के कारण यात्री स्तुत्य हैं और श्रद्धा से ओतप्रोत इन तीर्थयात्रीयो के दर्शन करना हरेक नगरवासी अपना सौभाग्य समझता है। नगर मे इनके दर्शन व स्वागत को लेकर अथाह उत्साह भी देखने को मिल रहा है। स्वयंसेवी संस्थाएं भी तैयार हैं कि मानव मात्र की सेवा करने से कुछ पुण्यांश के भागी बनने की कामना पूर्ण हो। पंचक्रोशी यात्री श्रद्धा भाव से अपने भोलेनाथ के दर्शन की आकांक्षा से निकलते हैं न कि सुख व सुविधाओ के लिए।
पडाव स्थल पर साफ – सफाई समुचित- पहले पड़ाव पिंगलेश्वर व दूसरे पड़ाव कायावरोरेश्वर पर प्रशासन ने सफाई व्यवस्था अच्छी की है। भीषण गर्मी को देखते हुए छांव हेतु शामियाने लगाए गए हैं। वहीं चलित शौचालय की व्यवस्था भी की गई है। स्वच्छ पानी हेतु टैंकर से पेयजल के भी व्यापक बंदोबस्त किए गए हैं। पंचक्रोशी पडाव स्थल पर दिक्कत आने की दशा मे यात्रियों को अधिकारी या सरपंच से सीधे संपर्क हेतु आवश्यक फोन नंबर स्पष्ट रूप से अंकित किए गए हैं।
प्रकाश के व्यापक प्रबंध- पंचक्रोशी पड़ाव के पहुंच मार्ग को जगमग करने के भी व्यापक प्रबंध किए गए हैं। कल दिनभर विद्युत मंडल की टीम यात्रा मार्ग के खंभों की लाइट चैक करते रहे और अतिरिक्त लैम्प भी लगाए गए। करोहन पडाव मार्ग पर विद्युत मंडल की टीम लैम्प की टेस्टिंग करते नजर आए।
स्वयंसेवी संस्थाएं तैयार – शहर की कई स्वयंसेवी संस्थाएं मुस्तैदी से पंचक्रोशी यात्रा की बाट जोह रही हैं। इसमे प्रमुख रूप से भारत स्काउट व गाइड, नि:स्वार्थ सेवा संस्था आदि जोरशोर से तैयारी मे लगे हुए हैं। कई संस्थाएं यात्रीयो के लिए शर्बत व पानी की व्यवस्था करती हैं। कुछ संस्थाएं चिकित्सीय सेवा प्रदान करती हैं।
स्काउट पूरी तरह तैयार
स्काउट व गाइड वर्षों से सेवा कार्य करते आए हैं। इस वर्ष पंचक्रोशी के हर पडाव पर स्काउट पूरी सजगता से तैनात रहकर यात्रियों की सेवा करने के लिए तैयार हैं।
अनिल सक्सेना , स्काउट
ल्ल पहला पड़ाव: पिंगलेश्वर महादेव( पूर्व दिशा मे)
ल्ल दूसरा पड़ाव : कायावरोरेश्वर (दक्षिण मे)
ल्ल तीसरा पड़ाव: बिल्केशवर (पश्चिम मे)
ल्ल चौथा पड़ाव : दुदुर्रेश्वर (उत्तर में)
ल्ल मध्य मे : महाकालेश्वर।
ठहरने की व्यवस्था 25 वर्षों से
विगत 25वर्षों से हमारे गांव करौंदिया मे पंचक्रोशी यात्रीयो को विश्राम के लिए हमारी संस्था तम्बू व शामियाने लगाती है। यात्रीयो के लिए कूलर की व्यवस्था भी की जाती है।
-‘राजेन्द्रसिंस डोडिया, राम भक्त मंडल करौंदिया।