-किसानों की आस को नहीं मिला पुरा आधार, मुहुर्त में 7411 रूपए क्विंटल बिका सोयाबीन,पिछली बार से कम भाव रहे

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-उज्जैन में समर्थन मुल्य केंद्रों पर 10 दिन में एक ट्राली सोयाबीन एफएक्यू का नहीं पहुंचा

उज्जैन। संभाग की सबसे बडी मंडी में मुहुर्त के सौदों में किसानों की आस को पूरा आधार नहीं मिल सका है। पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष मुहुर्त के सौदों में सोयाबीन के भाव कमजोर रहे हैं। दीपावली पूर्व मंडी में उच्च क्वालिटी का माल 5280 रूपए प्रति क्विंटल बिका था,इससे उम्मीद की जा रही थी की मुहुर्त के सौदे उच्च होंगे और किसानों का सोयाबीन 6 हजार रूपए प्रति क्विंटल के भाव मंडी में आएंगे।

संभाग की सबसे बडी ‍चिमनगंज मंडी में सोमवार को मुहुर्त के सौदे किए गए हैं। इसमें सोयाबीन 7411 रूपए प्रति क्विंटल ही रही है। पिछले वर्ष मुहुर्त के सौदे में सोयाबीन 8551 रु. क्विंटल बिका था। मुहुर्त के सौदे को लेकर किसान आशान्वित था कि मंडी में इन सौदों के बाद सोयाबीन में  प्रति क्विंटल भाव 6 हजार के लगभग आ सकता है। सोमवार को हुए सौदों से किसान को थोडा धक्का लगा है लेकिन अभी किसान आशान्वित है। बाजार में बराबर बदल रही स्थितियों को देखते हुए भाव अच्छे मिलने के आसार बन रहे हैं। इस बार सोयाबीन की समर्थन मुल्य पर सरकारी खरीदी 4892 रूपए प्रति क्विंटल पर खरीदने के लिए जिले में 29 केंद्र बनाए गए हैं। मार्कफेड इस खरीदी के लिए नोडल एजेंसी है। 25 अक्टूबर से शासकीय अवकाश को छोडकर यहां सोयाबीन की कोई खरीदी फेयर एवरेज क्वालिटी का माल नहीं आने से नहीं हो सकी है।मार्कफेड जिला प्रबंधक स्वाती राय के अनुसार सोमवार को बडनगर केंद्र एवं उज्जैन मार्केटिंग सोसायटी में कुछ ट्राली सोयाबीन कृषक लेकर पहुंचे थे लेकिन उसमें नमी की स्थिति 14 फीसदी से अधिक थी एवं मिट्टी की स्थिति भी अधिक होने से कृषकों को समझाईश देते हुए वापसी की गई है।

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