अब नये वर्ष तक और करना होगा नियुक्तियों के लिए इंतजार….
उज्जैन के बीजेपी नेता भी बांट जोह रहे निगम मंडलों में पद प्राप्त करने के लिए
-संरक्षणदाताओं ने दिया आश्वासन, आपको भी दी जाएगी कुर्सी
उज्जैन। उज्जैन के उन बीजेपी नेताओं को निगम मंडल में अपनी नियुक्तियों के लिए अभी ओर भी इंतजार करना पड़ेगा। बताया जा रहा है कि सरकार नये वर्ष में ही नियुक्तियों का काम करेगी।
बता दें कि उज्जैन में भी ऐसे कई सीनियर बीजेपी नेता है जो बीते लगभग एक वर्ष से निगम मंडलों में अपनी राजनीतिक नियुक्तियां होने की बांट जोह रहे है। हालांकि इन नेताओं के संरक्षणदाताओं ने आश्वासन जरूर दे रखा है कि उन्हें विकास प्राधिकरण के अलावा निगम मंडलों में भी कुर्सी का चांस दिया जाएगा।
बता दें कि उज्जैन में भी ऐसे कई सीनियर बीजेपी नेता है जो बीते लगभग एक वर्ष से निगम मंडलों में अपनी राजनीतिक नियुक्तियां होने की बांट जोह रहे है। हालांकि इन नेताओं के संरक्षणदाताओं ने आश्वासन जरूर दे रखा है कि उन्हें विकास प्राधिकरण के अलावा निगम मंडलों में भी कुर्सी का चांस दिया जाएगा।
पार्टी सूत्रों के अनुसार, संगठन चुनाव को देखते हुए निगम-मंडलों में नियुक्तियां टाल दी गई हैं। मप्र में भाजपा संगठन चुनाव की डेडलाइन के अनुसार 15 दिसंबर तक 1078 मंडलों के अध्यक्ष घोषित होंगे। 15 जनवरी 2025 तक जिलाध्यक्षों का चुनाव हो जाएगा। जनवरी अंत तक सभी प्रदेश अध्यक्ष और राष्ट्रीय अध्यक्ष का भी चुनाव हो जाएगा। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि फरवरी 2025 में ही अब निगम-मंडलों में राजनीतिक नियुक्ति हो पाएगी। गौरतलब है कि प्रदेश में मोहन सरकार 11 महीने का कार्यकाल पूरा करने जा रही है। इस बीच भाजपा संगठन की ओर से निगम, मंडलों में खाली पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करने की कवायद की गई, लेकिन कुछ ही नियुक्ति हो पाईं। अब भाजपा संगठन चुनाव की वजह से निगम-मंडलों में नियुक्तियां अगले साल फरवरी तक टल गई हैं। यानी भाजपा के वे नेता जो निगम, मंडल एवं अन्य संस्थाओं में कुर्सी के इंतजार में बैठे हैं उन्हें और इंतजार करना पड़ सकता है। पार्टी सूत्रों ने बताया कि जो नेता भाजपा की पिछली सरकारों में मंत्री पद का दर्जा प्राप्त कर चुके हैं, उन्हें अब फिर से नियुक्ति नहीं मिलेंगी। हालांकि कुछ नेता इसमें सफल भी हो सकते हैं। मौजूदा स्थिति में भाजपा के संघ से जुड़े नेता ही सरकार में नियुक्ति के लिए जोर आजमाइश कर रहे हैं। जिन्हें फिलहाल सफलता मिलने की संभावना दिखाई नहीं दे रही है। इतना तय है कि जनवरी तक भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष का चुनाव हो जाएगा। इसके बाद ही नेताओं को सरकार में एडजस्ट किया जाएगा। पिछले चुनावों के दौरान दूसरे दलों से बड़ी संख्या में नेता भाजपा में शामिल हुए थे। ऐसे नेताओं को निगम मंडलों में पद देकर उपकृत किया जा सकता है। संगठन स्तर पर इसकी सूची भी तैयार हो चुकी है। कुछ नामों को लेकर अंतिम निर्णय नहीं हो पाया है। फिलहाल सरकार की नियुक्तियों को लेकर संगठन में चर्चा एवं बैठकों का दौर खत्म है। नए अध्यक्ष के चुनाव बाद इस पर निर्णय होगा।