रूफ टॉप सोलर सिस्टम लगाकर बिजली उत्पादन करने के मामले में उज्जैन जिला इंदौर से पिछड़ रहा
रूफ टॉप सोलर नेट मीटर से बिजली उत्पादन अब 20800 स्थानों पर
दैनिक अवन्तिका उज्जैन
उज्जैन जिले में रूफ टॉप सोलर सिस्टम लगाकर बिजली उत्पादन करने के मामले में इंदौर से पिछड़ रहा है। फरवरी से लागू की गई पी एम सूर्यकिरण योजना का लाभ लेने में उज्जैन जिले से केवल उपभोक्ता सामने आये है जबकि इंदौर में 11900 उपभोक्ता रूफ टॉप सोलर नेट मीटर योजना से जुड़कर लाभ ले रहे हैं, देवास जिले में करीब 1170 उपभोक्ता, रतलाम जिले में 825 उपभोक्ता, खरगोन जिले में 810 उपभोक्ता सूरज की किरणों से बिजली तैयार कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत केंद्र सरकार ने देशभर के एक करोड़ घरों को योजना से जोड़ने का लक्ष्य रखा है। इसी क्रम में पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के इंदौर, उज्जैन, देवास, रतलाम सहित सभी 15 जिलों के अधिक से अधिक बिजली उपभोक्ताओं को योजना से जोड़ने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। नई योजना के तहत अब जनवरी 2024 से दो किलो वाट के संयंत्र पर 60 हजार रुपये की अधिकतम सब्सिडी मिल रही है। इसी तरह तीन किलो वॉट तक के संयंत्र पर 78 हजार रूपए की सब्सिडी भी केंद्र शासन की ओर से सीधे उपभोक्ता के बैंक खाते में प्राप्त हो रही है। विभिन्न राष्ट्रीयकृत बैंक सोलर प्लांट के लिए कम ब्याज पर ऋण स्वीकृत कर रहे हैं। उज्जैन की स्टेट बैंक आॅफ इंडिया की माधवनगर ब्रांच के बाहर एक कंपनी ने फायनेंस सहायता के लिए बाकायदा कियोस्क लगा रखा है।
सौर ऊर्जा को लेकर रूचि में बढ़ोत्तरी
सौर ऊर्जा उत्पादन से पर्यावरण संरक्षण की भावना को बढ़ावा मिल रहा है, क्यों कि सौर ऊर्जा उत्पादन में न को कोयला लगता हैं, न ही पानी की आवश्यकता होती है। साथ ही यह ऊर्जा प्रदूषण रहित ऊर्जा होती है। हालांकि पश्चिम मप्र में आम लोगों, मौजूदा बिजली उपभोक्ताओं की सौर ऊर्जा को लेकर रूचि में सतत बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है। रूफ टॉप सोलर नेट मीटर योजना के तहत अब तक मप्र पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के कार्यक्षेत्र मालवा निमाड़ अंचल में 20800 उपभोक्ता जुड़े हैं। सभी स्थानों के उपभोक्ताओं को बिजली बिल में काफी रियायत मिल रही हैं, लोगों के बढ़ती रूचि के कारण हरियाली संरक्षण एवं प्रदूषण से मुक्ति की भावना का भी संचार हो रहा हैं।