एमपी टूरिज्म की होटलों के मेन्यू में नहीं होने से बाहरी टूरिस्ट हो रहे थे वंचित, सरकारी होटलों में अब मालवा के दाल-बाफले, निमाड़ के पानिये मिलेगा

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साल भर खुला रहेगा हनुमंतिया, डेस्टिनेशन वैडिंग स्पॉट की तरह करेंगे डेवलप

दैनिक अवन्तिका भोपाल

प्रदेश में एमपी टूरिज्म की होटलों में अब मालवा के प्रसिद्ध दाल-बाफले, निमाड़ के दाल पानिये और ज्वार-मक्का की रोटी भी मिलेगी। मेन्यू में इन्हें खास तौर पर शामिल किया जाएगा। वहीं, खंडवा के हनुमंतिया टापू को डेस्टिनेशन वैडिंग स्पॉट की तरह डेवलप किया जाएगा। वाटर स्पोर्ट्स और एडवेंचर एक्टिविटी के लिए अब 3 या 6 महीने की बजाय इसे सालभर ओपन रखा जाएगा।

पर्यटन, संस्कृति और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व राज्य मंत्री धर्मेंद्र भाव सिंह लोधी ने बुधवार को पर्यटन राज्य विकास निगम में समीक्षा बैठक की। उन्होंने कहा कि टूरिज्म विभा की होटलों के मैन्यू में स्थानीय व्यंजन अनिवार्य रूप से शामिल किए जाएं। टूरिस्ट को होटल में स्थानीय भोजन की उपलब्धता के बारे में जानकारी भी दें। उन्होंने बताया कि नर्मदापुरम में होने वाली रीजनल इनवेस्टर्स समिट में अतिथियों को स्थानीय और मिलेट से बने व्यंजन परोसे जाएंगे।

स्टेट लेवल डैश बोर्ड बनेगा
मंत्री लोधी ने कहा कि पर्यटकों द्वारा दिए जा रहे रिव्यू का विशेष ध्यान दें। होटल में सुझाव के लिए बॉक्स रखें। अतिथियों की रिव्यू की मॉनिटरिंग के लिए स्टेट लेवल डैश बोर्ड बनाए। पॉजिटिव रिव्यू को वेबसाइट पर प्रदर्शित करें। नेगेटिव रिव्यू को गंभीरता से लेकर होटल की सुविधाओं में सुधार करें। वहीं, होटलों की संख्या और कमरों में भी वृद्धि की जाएगी। पुराने होटलों का मूल्यांकन कर उन्हें रेनोवेट करने के प्लान भी तैयार होंगे। कम आॅक्यूपेंसी वाली होटलों और संपत्तियों के उचित निराकरण के लिए प्लान बनेंगे।

हनुवंतिया में होटल-रिसोर्ट बनाएगा निगम- पर्यटन राज्य विकास निगम खंडवा के हनुवंतिया में होटल और रिसोर्ट बनाएगा। मंत्री लोधी ने हनुवंतिया को सालभर का टूरिस्ट स्पॉट बनाने की बात कही है। हनुवंतिया में 3 से 6 महीने के लिए टेंट सिटी बनाई जाती है। इसे सालभर तक चलाने की बात कही है। होटल-रिसोर्ट बनने से हनुवंतिया डेस्टिनेशन वैडिंग स्पॉट के रूप में डेवलप हो सकेगा।

मालवा-निमाड़ का भोजन है दाल-बाफला
दाल-बाफला मालवा-निमाड़ यानी, इंदौर और उज्जैन का प्रमुख स्थानीय भोजन है। शादियों में भी दाल-बाफला बनाया जाता है। इंदौर, उज्जैन, देवास, रतलाम, मंदसौर, नीमच, शाजापुर, आगर-मालवा, खंडवा, खरगोन समेत कई जिलों में कई लोग इसका स्टार्ट-अप शुरू कर चुके हैं। भोपाल, नर्मदापुरम संभाग में भी यह खाने को मिलता है। लेकिन एमपी टूरिज्म की होटलों के मेन्यू में नहीं होने से बाहरी टूरिस्ट इससे वंचित रह जाते हैं। इसलिए अब ये भी मेन्यू में शामिल किया जाएगा।

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