महाअभियान 0.3 में जिले के 6555 लंबित आवेदनों का निराकरण करने जुटेंगे अधिकारी
आज से एक माह तक प्रदेश में चलेगा राजस्व मामलों के निराकरण का अभियान
इंदौर। सामान्य प्रक्रिया से समयावधि में राजस्व मामलों के निराकरण नहीं होने पर लोगों को राहत देने के लिए मुख्यमंत्री ने राजस्व महाअभियान का तीसरा चरण आरंभ करने के निर्देश दिए हैं।
यह अभियान आज से एक माह तक चलेगा अभियान के दौरान इंदौर जिले के 6555 लबित आवेदनों का निराकरण करने में तहसीलदार और एसडीएम लगेंगे।
नामांतरण बटवारा और सीमांकन सहित विभिन्न आरंभ करने के निर्देश दिए हैं।
प्रमुख सचिव राजस्व ने राजस्व मामलों के निराकरण के लिए सरकार ने समय सीमा तय कर रखी है किंतु अधिकारी समय पर रिपोर्ट नहीं मिलने तथा विभिन्न कार्यों में लगे होने के कारण उनका निराकरण नहीं कर पाते हैं।
समय पर आवेदन का निराकरण नहीं होने से राजस्व मामलों को लेकर हेल्पलाइन पर भी शिकायत बढ़ती जा रही है मुख्यमंत्री बनने के बाद डॉक्टर मोहन यादव ने सबसे पहले महा अभियान चलाकर प्रदेश भर में हजारों आवेदनों का निराकरण करने की अनोखी पहल आरंभ की थी। कुछ माह पहले अभियान का दूसरा चरण भी चलाया गया और अधिकांश आवेदनों का निराकरण किया गया।
विगत कुछ भाव में राजस्व के लंबित आवेदनों की संख्या फिर से बढ़ने लगी है इनके निराकरण को लेकर मुख्यमंत्री यादव ने महा अभियान का तीसरा चरण
इस संबंध में समस्त जिला कलेक्टर को निर्देश भी जारी कर दिए हैं यह अभियान 15 नवंबर से लेकर 15 दिसंबर तक चलेगा। महा अभियान के दौरान इंदौर जिले के नामांतरण बटवारा और सीमांकन के अलावा इंद्राज दूरस्ती वह अन्य आवेदन का निराकरण किया जाएगा। जिले में राजस्व के लंबित आवेदन पर नजर डालें तो 13 नवंबर की स्थिति में जिले में 6555 आवेदन लंबित है जिनका निराकरण एक माह में इस अभियान के दौरान तहसीलदार के माध्यम से किया जाएगा।
महा अभियान में राजस्व न्यायालयों में आरसीएमएस पर दर्ज नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन, अभिलेख दुरुस्ती इत्यादि के लंबित प्रकरणों का समय सीमा में निराकरण सुनिश्चित किया जायेगा। नए राजस्व प्रकरणों को दर्ज कराने, नक्शे पर तरमीम, पीएम किसान का सैचुरेशन एवं समग्र का आधार सेइ केवाईसी, खसरे की समग्र आधार से लिकिंग एवं फार्मर रजिस्ट्री सहित आमजन की राजस्व से संबंधित समस्याओं का निराकरण भी होगा।
विवादित नामांतरण से अधिक है अभिवादित नामांतरण आवेदन की संख्या जिले में आरसीएमएस पोर्टल पर दर्ज नामांतरण के आवेदन की संख्या बताती है कि विवादित नामांतरण के आवेदन की संख्या जिले में 5717 है और विवादित लंबित नामांतरण आवेदनों की संख्या 184 है। अविवादित नामांतरण के तीन माह से लंबित मामले 5621 और छह माह तक के 94 आवेदन है।
जबकि विवादित नामांतरण के तीन माह से लंबित आवेदन 149, छह माह तक के 26 और
उससे अधिक अवधि के 8 आवेदन का निराकरण अभी तक नहीं हो पाया है।
जिले में अविवादित बटवारा के कुल 580 आवेदन लंबित है। इनमें तीन माह से लंबित मामले 558 और छह माह तक के आवेदन 21 बताए गए हैं। विवादित बटवारा के 3 आवेदन का निराकरण भी किया जाना है।
जिले में जमीनों के सीमांकन के कुल 1177 आवेदन है, जिसमें तीन माह से लंबित आवेदन 1085, छह माह तक के 65 आवेदन और अधिक अवधि के 23 आवेदन दर्ज है। इसी तरह जिले में साइबर तहसील के 342 मामले लंबित हैं। पोर्टल में दर्ज जानकारी के अनुसार जिले में 80 आवेदन में पटवारी ने नहीं दी रिपोर्ट, पटवारी प्रतिवेदन के 6 मामले 10 दिवस से अधिक समय के है और 39 आवेदन में तामीली नहीं हो पाई है।