कार्तिक पूर्णिमा के बाद शिप्रा नदी के घाटों पर लगा कचरे का ढेर नहीं हुई सफाई  नदी के अंदर कचरा व निर्मली सामग्री पड़ी है

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दैनिक अवंतिका उज्जैन
उज्जेन। अगर शिप्रा नदी का निरीक्षण करने के लिए कोई मंत्री या अधिकारी पहुंचते हैं। तो उनके आने के पहले ही शिप्रा के सभी घाटों को चमका दिया जाता है और नदी मे तैर रहा निर्माल्य भी हटा दिया जाता है। लेकिन उनके जाने के बाद फिर घाटों की साफ सफाई व्यवस्था बिगड़ जाती है। नियमित सफाई नहीं होने की वजह से शिप्रा के घाट पर गंदगी व कचरे का ढेर कई दिनों तक पड़ा रहता है। इसी तरह कोई पर्व स्नान पर भी यही स्थिति रहती है। कार्तिक पूर्णिमा पर हजारों श्रद्धालुओं ने शिप्रा में डुबकी लगाकर पुण्य लाभ कमाया और शाम को महिलाओं ने शिप्रा तट पर पहुंचकर नदी में दिए छोड़ें। कार्तिक पूर्णिमा के दिन शिप्रा नदी पर यह स्थिति थी कि सभी घाटों पर लोगों की जबरदस्त भीड़ थी। लेकिन कार्तिक पूर्णिमा के बाद घाटों की यह स्थिति है की जगह-जगह कचरे का ढेर लगा हुआ है। लोगों द्वारा छोड़े गए कपड़े भी घाटों पर पड़े हुए हैं। वहीं नदी के अंदर निर्माल्य पड़ा हुआ है और जहां देखो वहां पर शिप्रा नदी के अंदर वह घाटों पर कचरा पड़ा हुआ है। शिप्रा नदी का अधिकारियों ने दौरा कर नदी के घाटों के नियमित सफाई करने के निर्देश दिए गए हैं लेकिन उसके बाद भी  नदी के घाटों पर गंदगी पसरी हुई है।
पूजन सामग्री भी बड़ी मात्रा में यहां पड़ी है। इसके बाद भी नगर निगम के अमले ने इसकी सही तरीके से साफ-सफाई शुरू नहीं की है। इस कारण शिप्रा नदी  पर रोजाना नहाने व घाटों पर पूजा करने वाले पंडे पुजारियों   की समस्या बढ़ गई है।

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