सड़कों पर फिर दौड़ेगी सरकारी बसें, स्थानीय नगर निगम को सौंपा जाएगा जिम्मा

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उज्जैन। उज्जैन के लोग जल्द ही सरकारी अर्थात रोडवेज की बसों में सफर का आनंद ले सकेंगे क्योंकि प्रदेश
में सरकारी बसों को संचालित करने के लिए सरकार ने तैयारी कर ली है। हालांकि इसके संचालन के लिए एक अलग से कंपनी गठित होगी और उज्जैन के हेतु संचालन की जिम्मेदारी अन्य निकायों की तरह ही नगर निगम उज्जैन को सौंपी जाएगी।

भोपाल के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिस लोक परिवहन को सरकार ने लगातार घाटे में चलने की वजह से बंद कर दिया था, उसे एक बार फिर से शुरू करने की तैयारी की जा रही है। यह बात अलग है कि इस बार इसके संचालन का तौर तरीका और इसके जिम्मेदार अलग होंगे। इसकी वजह है कि अब जो योजना तैयार की जा रही है, उसके तहत परिवहन विभाग इसका संचालन नहीं करेगा, बल्कि इसके लिए पृथ्क से एक कंपनी का गठन किया जाएगा। इस कंपनी के संचालन का जिम्मा स्थानीय निकायों का होगा। यह कंपनी ही शहर से गांवों की ओर परिवहन सेवा का संचालन करेगी। मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव के निर्देश पर परिवहन विभाग द्वारा इसका प्रारुप तैयार किया जा रहा है। माना जा रहा है कि इस सुविधा का लाभ प्रदेश के लोगों को अगले साल से मिलना शुरु हो जाएगा।  फिलहाल जो प्रस्ताव तैयार हुआ है, उसमें तय किया गया है कि नगर निगमों के साथ एक संयुक्त कंपनी बनाकर सडक़ परिवहन निगम की तरह ही व्यवस्था बनाई जाए और बसों को संचालित किया जाए।

इसके लोक परिवहन सेवा का नाम दिया जाएगा। फिलहाल यह कंपनी नगर निगमों से गांवों की ओर परिवहन बढ़ाने पर ध्यान देगी। ताकि ग्रामीण जनता को परिवहन की समस्या से निजात मिल सके। इस बात पर भी विचार चल रहा है कि अभी अलग- अलग कंपनियां जो बसों का संचालन कर रही है उन्हें एक कंपनी में मर्ज किया जाए। बीसीसीएल, ग्रामीण परिवहन सेवा जैसी कंपनियों को एक कंपनी की परिधि में लाया जाएग। परिवहन विभाग विचार कर रहा है कि कौन सा मॉडल बेहतर हो सकता है। इस बात पर भी विचार किया जा रहा है कि बड़े शहरों के आसपास के नगर पालिका और नगर परिषद के साथ समन्वय बनाकर उन्हें भी परिवहन व्यवस्था के संचालन में जोड़ा जाए और उसके आसपास आने वाले गांवों को बस सेवा की सुविधा दी जाए।

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