400 किलो वाट के सोलर सिस्टम को ट्रांसफर करने में लगेंगे डेढ़ करोड़ रुपए, पहले लगाने में, फिर हटाने में खर्चा करो

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दैनिक अवन्तिका उज्जैन

उज्जैन स्मार्ट सिटी द्वारा कुछ समय पूर्व 400 किलोवाट का सोलर सिस्टम महाकाल त्रिवेणी पार्किंग पर इंस्टॉल किया गया था। इसको हटाकर अब तीन भागों में बांटकर रीइंस्टॉलमेंट के लिए विज्ञप्ति जारी की गई है। 200 किलो वाट का मटेरियल इसमें से कलेक्टर बिल्डिंग प्रशासनिक संकुल पर लगाया जाएगा, 100 किलो वाट का अन्न क्षेत्र त्रिवेणी महाकाल में लगेगा और 100 किलोवाट नगर निगम के स्विमिंग पूल काम्प्लेक्स पर ट्रांसफर करने की बात चल रही है। इस सभी काम के लिए कुल डेढ़ करोड़ रुपए की वैल्यू तय करके कंपनियों से सोलर पावर प्लांट ट्रांसफर करने के लिए प्रस्ताव आमंत्रित किए गए हैं।

उज्जैन शहर में विभिन्न गवर्नमेंट भवनों पर सोलर प्लांट लगाये गये थे। ये सभी रख रखाव के अभाव में खराब पड़े हैं या पूरी कैपिसिटी से पॉवर जनरेट नही कर रहे हैं। सभी सोलर प्लांटों की समीक्षा प्रशासन द्वारा की जाना चाहिए।

प्लांट को वहां से हटाने की क्या जरूरत पड़ गई
सोलर सिस्टम को ट्रांसफर और इंस्टॉल करने के लिए आ रही इतनी बड़ी लागत से यदि 75 हजार रु. प्रति किलो वाट का खर्च सोलर प्लांट पर औसत निकाला जाए तो ईतनी राशि में 200 किलो वाट का नया संयंत्र लगाया जा सकता है। वर्तमान में रूफटॉप सोलर सिस्टम घरों पर लगाने की लागत 75 हजार रु. प्रति किलो वॉट आ रही है। वर्तमान में स्थापित किए गए सोलर प्लांट को वहां से हटाने की क्या जरूरत पड़ गई। पहले ही सोच समझकर इसको लगाया जाता डेढ़ करोड़ रुपए के शासकीय धन का खर्च स्मार्ट सिटी को नहीं करना पड़ता। हालांकि डेढ़ करोड़ रुपए की आॅफसेट बोली निर्धारित करने के बाद भी किसी भी कंपनी ने फर्स्ट कॉल में इसमें बीड नहीं किया है अब दूसरी बार फिर से टेंडर जारी किए गए हैं।

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