सोने का हार देख रिक्शा चालक का नहीं बिगड़ा इमान

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उज्जैन। धार्मिक नगरी में बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं और यात्रियों के साथ  घटना और वारदात की खबरे हमेशा सामने आती है, लेकिन सोमवार को ई-रिक्शा चालक का इमान उस वक्त नहीं बिगड़ा जब उसे अपनी ही रिक्शा में मिले पर्स और उसमें रखे सोने का हार और हजारों की नगदी दिखाई दी। चालक ने पुलिस से संपर्क कर दमोह से आई आंटी को पर्स लौटा दिया। सीएसपी ओमप्रकाश मिश्रा ने बताया कि सुबह खाराकुआ थाने पर दमोह की रहने वाली सुनीता पति नवीन टंडन पहुंची थी। उन्होने बताया कि खन्ना परिवार में आयोजित शादी में शामिल होने आई थी। क्षिप्रा नदी किनारे शहनाई गार्डन से पानदरीबा जाने के लिये ई-रिक्शा में बैठी थी। गलती से पर्स रिक्शा में छूट गया है। जिसमें 70 हजार कीमत का सोने का हार और 15 हजार रूपए के साथ दस्तावेज रखे हुए है। सुनीता टंडन की बात सुनने के बाद वायरलेस सेट पर पाइंट चलाया गया और सभी थाना पुलिस को पर्स मिलने के साथ किसी के द्वारा दिये जाने की जानकारी खाराकुआ पुलिस को अवगत कराने की बात कहीं गई। कुछ देर में पता चला कि महाकाल थाने पर ई-रिक्शा चालक पहुंचा है, जिसके पास उक्त बेग है, वह बेग लौटना चाहता है। सीएसपी के अनुसार खबर मिलते ही रिक्शा चालक को मालीपुरा आने के लिये कहां गया। जहां सुनीता टंडन परिवार के साथ पहुंच गई थी। रिक्शा चालक ने उन्हे पर्स लौटा दिया। जिसमें रखा सोने का हार, नगद रूपये और सभी दस्तावेज मौजूद थे। रिक्शा चालक की इमानदारी को देखते हुए सुनीता टंडन ने उसे इनाम के रूप में एक हजार रूपये दिये, लेकिन रिक्शा चालक मना करने लगा और कहा कि आंटी हमारा फर्ज था,  आंटी ने उसे इनाम की राशि सौंपी।
गुदरी चौराहा पहुंचने पर दिखा बेग
तोपखाना क्षेत्र में रहने वाला इमरान पिता तौफिक अहमद महाकाल मंदिर क्षेत्र से ई-रिक्शा चलाने का काम करता था। उसका कहना था कि वह पानदरीबा सवारी छोड़ कर निकल गया था, उसने आंटी को उतारने के बाद पीछे नहीं देखा था। गुदरी चौराहा पर आने के बाद दूसरी सवारी ने रिक्शा रोका तो उन्हे बैठाने के दौरान रिक्शा में लेडिस हैंड बेग दिखाई दिया। जिसे खोलने पर उसमें सोने का हार का हजारों रूपये रखे दिखाई दिये। उसने सवारी को बैठाया और उनके गतंव्य पर छोड़ने के बाद महाकाल थाना पुलिस को बेग मिलने की जानकारी दी।
इमानदारी पर किया जायेगा पुरूस्कृत
सीएसपी ओमप्रकाश मिश्रा ने बताया कि रिक्शा चालक की इमानदारी को देखकर पुलिस विभाग की ओर से उसे प्रशंसा प्रेषित की गई है। वहीं रिक्शा चालक को नाम-पता दर्ज किया गया है। जब भी पुलिस विभाग का शहर से जुड़ा आयोजन होगा उसमें रिक्शा चालक इमरान को बुलाकर पुरूस्कृत किया जायेगा। अब भी इमानदारी कायम है।

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