टापरी में भट्टी लगाकर बनाई जा रही थी कच्ची शराब
उज्जैन। खेत पर बनी टापरी में कच्ची शराब बनाने की खबर मिलने पर पुलिस टीम ने दबिश मारी। टापरी में शराब बना रहा एक व्यक्ति पुलिस को देख भाग निकला। मौके से 60 लीटर कच्ची शराब की केन के साथ भट्टी और महुआ मिला है। पुलिस ने आबकारी अधिनियम का प्रकरण दर्ज कर भागे व्यक्ति की तलाश शुरू की है। पुलिस कप्तान प्रदीप शर्मा ने जिले में अवैध शराब परिवहन के साथ कच्ची शराब बनाने वालों पर अंकुश लगाने के निर्देश जारी किये है। पुलिस निर्देशों का पालन कर लगातार अवैध कारोबार में शामिल लोगों की धरपकड़ कर रही है। इसी कड़ी में भाटपचलाना पुलिस ने कच्ची शराब बनाने के ठिकाने पर दबिश देकर बड़ी कार्रवाई की है। थाना प्रभारी सत्येन्द्रसिंह चौधरी ने बताया कि खबर मिली थी कि ग्राम नौगांवा में खेत पर बनी टापरी में कच्ची शराब बनाने का काम किया जा रहा है। उन्होने टीम में शामिल एसआई अशोक कुमार बैरागी,प्रधान आरक्षक रामनारायण चौहान, आरक्षक राकेश निनामा, बाबुलाल, मनोज बैरागी, नारायण सरा, सैनिक कृष्णा धाकड़ के साथ खेत पर दबिश मारी। टापरी में बैठा एक व्यक्ति पुलिस को आता देख दूसरे रास्ते से भाग निकला। दबिश में टापरी से एक दर्जन से अधिक प्लास्टिक की केन मिली है। वहीं हाथ भट्टी का सामान बरामद हुआ है। जांच में सामने आया कि भाग व्यक्ति राजाराम पिता फकीरचंद्र है, जो कच्ची शराब बनाने का काम काफी समय से कर रहा था। मामले में उसके खिलाफ आबकारी एक्ट अधिनियम का प्रकरण दर्ज किया गया है। टीम उसकी तलाश में लगी है, वह गांव छोड़कर भाग निकला है।
बनी मिली 60 लीटर कच्ची शराब
थाना प्रभारी चौधरी ने बताया कि भट्टी लगाकर 60 लीटर कच्ची शराब तैयार कर ली गई थी। जिसे केन में भरकर रखा गया था। टापरी में 8 से 10 केनों में महुआ पानी में भीगा मिला है। जिसे मौके पर ही नष्ट करने की प्रक्रिया की गई। कच्ची शराब जप्त की गई है। शराब बनाने के लिये गंदे पानी का उपयोग किया जाना सामने आया है। आरोपी के गिरफ्त में आने पर पता लगाया जायेगा कि शराब बनाने के बाद कहा सप्लाय करता था।
शहर तक पहुंची रही कच्ची शराब
पिछले कुछ महिनों से कच्ची शराब के मामले लगातार सामने आ रहे है। ग्रामीण क्षेत्र ही नहीं शहर में भी कच्ची शराब के साथ पुलिस परिवहन करने वालों की धरपकड़ कर रही है। जिसमें पास से 5 से 10 लीटर की केनों में भरी हाथ भट्टी की शराब बरामद की जा रही है। सूत्रों की माने तो देशी-विदेशी शराब की कीमतों में तेजी आने के बाद से कच्ची शराब बनाने का काम काफी बढ़ गया है। अधिकांश शराब ग्रामीण क्षेत्रों में बनाई जा रही है।