भारतीय वायुसेना को मिलेंगे 12 नए सुखोई, सरकार ने एचएएल से 13500 करोड़ रुपए डील की

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नई दिल्ली। रक्षा मंत्रालय ने 12 सुखोई फाइटर जेट्स खरीदने के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के साथ 13,500 करोड़ रुपए की डील की। इन फाइटर जेट को बनाने में 62.6 फीसदी पार्ट्स इंडियन होंगे। इन्हें एचएएल की नासिक डिवीजन में बनाया जाएगा।
रक्षा मंत्रालय ने कहा, ‘सरकार के आत्मनिर्भर भारत पहल को बढ़ावा देते हुए, रक्षा मंत्रालय और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के बीच 12 एसयू-30 एमकेआई जेट और उनसे जुड़े इक्विपमेंट्स की खरीद के लिए एक सौदा किया है। एसयू-30 एमकेआई रूसी विमान निर्माता सुखोई के बनाए दो-सीटर मल्टी रोल लॉन्ग डिस्टेंस फाइटर जेट्स हैं। इन्हें अब भारतीय वायुसेना के लिए एचएएल के लाइसेंस के तहत बनाया जाता है। 2 सितंबर को कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड से सुखोई-30 एमकेआई विमान के लिए इंजन खरीद को मंजूरी दी थी। इस समझौते के तहत एचएएल 26 हजार करोड़ रुपए से अधिक की लागत से 240 एरो-इंजन भारतीय वायुसेना को देगा। रक्षा मंत्रालय ने बताया था कि एरो-इंजनों की पहली डिलीवरी एक साल बाद शुरू होगी और आठ सालों में सभी डिलीवरी पूरी कर ली जाएगी। इस इंजन में 54 प्रतिशत से ज्यादा कंपोनेन्टस मेड-इन-इंडिया होंगे। इसको एचएएल के कोरापुट (ओडिशा) डिवीजन में बनाया जाएगा। नए इंजनों के इस्तेमाल से भारतीय वायुसेना अपने लड़ाकू विमानों को अपग्रेड करेगी। इससे सुखोई 30 एमकेआई विमान अगले 30 साल की जरूरतें के हिसाब से अपग्रेड हो जाएंगे। इस पूरे अपग्रेड में 63 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे। पहले फेज में 84 सुखोई विमान अपग्रेड किए जाएंगे। इन लड़ाकू विमानों की मारक क्षमता को अचूक बनाने के लिए एआई और डाटा साइंस का भी इस्तेमाल किया जाएगा।

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