उज्जैन में इटली, अमरीका और पेरु के तीन जोड़े लेंगे सात फेरे
उज्जैन। शिप्रा नदी के नजदीक उज्जैन में तीन जोड़ों का अनूठा अंतरराष्ट्रीय विवाह समारोह होने वाला है। इसमें वर और वधु इटली, अमरीका और पेरु से होंगे लेकिन उनका विवाह हिंदू रीति-रिवाज से होगा। दो युगल इटली से जबकि तीसरा अमरीका और पेरु से है।इटली की परंपरा अनुसार फेड (छल्ला या अंगूठी) पहनाकर लाइफ पार्टनर नहीं बल्कि अग्नि को साक्षी मानकर सात फेरे लेकर जीवनसाथी बन सात जन्मों के बंधन में बंधेंगे।
योग व आध्यात्मिक गुरु डॉ. ओमानंद से जुडऩे के बाद इटली के डारिओ अब विष्णु आनंद और मार्टिना मां मंगला आनंद बन चुकी हैं। उन्हीं की तरह इटली के माउरिजियो प्रकाश आनंद व नेल्मा मां नित्या आनंद और अमरीका के इयान आचार्य रामदास आनंद और पेरू की गेब्रियाला मां समान आनंद के आध्यात्मिक नाम से जाने जाते हैं। विदेशी मूल के यह लोग भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने न सिर्फ अपना नया नाम रखा, अब विवाह भी हिंदू रीति-रिवाज से करने जा रहे हैं। 29 दिसंबर को उज्जैन में इंदौर रोड के निनौरा स्थित आनंदमय मिशन परमानंद योगा आनंदमय पथ आश्रम में तीनों विदेशी युगल विवाह करेंगे। आयोजन पूरी तरह सनातन हिंदू रीति-रिवाज से होगा।
संत डॉ. ओमानंद गुरु 40 वर्ष से योग से जुड़े हैं, इसे सीखा रहे हैं। श्रीमहाकालेश्वर के परम भक्त उज्जैन में ही पले-बढ़े ओमानंद गुरु लंबे समय अमरीका में रहे और वहां योग सिखाया। इसके बाद इंदौर आकर उन्होंने वहां आश्रम स्थापित किया। उज्जैन निनौरा में योग हॉस्पिटल बनवा रहे हैं। उज्जैन से विशेष लगाव होने से वे बड़े स्तर पर यह आयोजन यहां कर रहे हैं। गुरुजी के विदेश में 10 हजार से अधिक शिष्य हैं। वे गुरुदेव और सनातन धर्म-संस्कृति से इतने प्रभावित हुए कि उनमें से कई शिष्य इसे अपना रहे। शिष्यों के आचरण-स्वभाव के आधार पर उन्हें नए आध्यात्मिक नाम भी डॉ. ओमानंद गुरु द्वारा दिए जाते हैं। ओमानंद गुरुजी के इंदौर स्थित आश्रम में 27 व 28 दिसंबर को सगाई, हल्दी, महिला संगीत (भक्ति योग) आदि कार्यक्रम होंगे। रामदास व मां समान भारत में ही हैं, अन्य दोनों युगल कुछ दिन में यहां पहुंचने वाले हैं। 30-35 विदेशी 100 से ज्यादा भारतीय मेहमान शामिल होंगे।